राजस्थान में बढ़ा आम आदमी पार्टी का क्रेज, जाने पूरी खबर

दिल्ली के बाद पंजाब में भारी जीत ने ना सिर्फ आम आदमी पार्टी की उम्मीदों को नया परवान दिया, बल्कि आम आदमी पार्टी को लेकर लोगों का क्रेज भी बढ़ गया है। यही कारण है कि राजस्थान में सक्रिय होने और विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा के साथ ही लोगों में भी आम आदमी पार्टी में शामिल होने को लेकर खासी उत्सुकता है।

लोगों में आप के क्रेज का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पार्टी के राजस्थान में सदस्यता अभियान की शुरूआत के साथ ही जिलों से बड़ी तादाद में लोग राजधानी जयपुर के लिए रवाना हो गए हैं। इतना ही नहीं राजस्थान में सदस्यता अभियान की विधिवत शुरूआत से पहले ही बड़ी तादाद में लोग दिल्ली में आप के मुख्यालय पर जाकर पार्टी में शामिल हुए हैं।

बाड़मेर जिले के चैहटन विधानसभा क्षेत्र से एडवोकेट मोतीराम मेनसा ने दिल्ली स्थित आप पार्टी के कार्यालय में पहुंचकर पार्टी जॉइन की। मेणसा को राजस्थान प्रभारी विनय मिश्रा ने आप की सदस्यता दिलाई। मेणसा ने बताया कि आप से जुड़ने के बाद वे आगामी विधानसभा चुनाव में आप पार्टी की नीतियों का करेंगे प्रचार करेंगे। मेणसा बाड़मेर के मेघवाल समाज के प्रभावशाली चेहरों में शामिल हैं और कयास लगाए जा रहे हैं कि मेणसा अनुसूचित जाति के आरक्षित चैहटन विधानसभा क्षेत्र से आप का चेहरा हो सकते हैं।

आम आदमी पार्टी का के्रेज भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे सीमावर्ती बाड़मेर जिले में भी सिर चढ़कर बोल रहा है। आलम यह है कि रविवार को राजधानी जयपुर में प्रस्तावित सदस्यता अभियान में भाग लेने और पार्टी में शामिल होने के लिए सरपंचों की फौज जयपुर के लिए रवाना हो गयी है। बताया गया कि करीब 4 से 5 बसें भरकर सरंपच और अन्य लोग बाड़मेर से जयपुर रवाना हुए हैं, जहां वे आम आदमी पार्टी की सदस्यता ग्रहण करेंगे।

सरपंचों के साथ ही कई पूर्व छात्र नेता भी आम आदमी पार्टी में शामिल होने के कतार में हैं। बताया गया कि कई मौजूदा और पूर्व छात्र नेता भी शनिवार को जयपुर के लिए रवाना हुए हैं, जहां वे आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी संजय सिंह और चुनाव प्रभारी विनय मिश्रा से मुलाकात कर विधिवत रूप से पार्टी में शामिल होंगे।

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि पंजाब की तरह ही आम आदमी पार्टी राजस्थान में भी बड़े चेहरों से परहेज करते हुए ग्रास रूट पर काम करने वाले आम लोगों से जुड़ने की रणनीति बना रही है। आप नेताओं कहना है कि विधानसभा चुनाव में करीब डेढ़ साल बाकी है, ऐसे में पार्टी ग्रास रूट से जुड़े लोगों के साथ सीधे संपर्क में आकर राजस्थान की राजनीतिक समझ विकसित करने के साथ ही स्थानीय मुद्दों को भी समझना चाहती है।

राजनीतिक जानकार यह भी कयास लगा रहे है कि हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के बाद अब आम आदमी पार्टी राजस्थान में कांग्रेस और भाजपा से नाराज नेताओं के लिए एक नया विकल्प बनेगी। हालांकि अब तक बसपा ऐसा ही एक विकल्प थी, लेकिन दो बार बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय के बाद बसपा राजस्थान में अपना जनाधार खोती जा रही है।

बीते विधानसभा चुनावों में इन्ही समीकरणों को फायदा उठाकर हनुमान बेनीवाल की रालोपा ने ना सिर्फ चार विधानसभा सीटें जीतीं, बल्कि कई विधानसभा सीटों पर पार्टी उम्मीदवारों ने भाजपा और कांग्रेस के दावेदारों को नाकों चने चबवाए थे। ऐसे में राजनीतिक जानकारों का मानना है कि आम आदमी पार्टी राजस्थान में कांग्रेस और भाजपा से नाराज नेताओं के लिए चौथा और मजबूत विकल्प सकती है।