राममंदिर निर्माण पर मायावती का बड़ा बयान, कहा कोर्ट के फैसले को…

इससे पहले ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने मंगलवार को अपने ट्वीट में कहा, ‘बाबरी मस्जिद था और हमेशा एक मस्जिद रहेगी। हागिया सोफिया हमारे लिए एक बेहतरीन उदाहरण है।

 

 

अन्यायपूर्ण, दमनकारी, शर्मनाक और बहुसंख्यक तुष्टिकरण के आधार पर भूमि का पुनर्निर्धारण निर्णय इसे बदल नहीं सकता है। दिल टूटने की जरूरत नहीं है। स्थिति हमेशा के लिए नहीं रहती है।’

कोर्ट के फैसले के तहत ही आज यहां राम-मंदिर निर्माण की नींव रखी जा रही है, जिसका काफी कुछ श्रेय सुप्रीम कोर्ट को ही जाता है। जबकि इस मामले में बसपा का शुरू से ही यह कहना रहा है कि इस प्रकरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट, जो भी फैसला देगा, उसे हमारी पार्टी स्वीकार करेगी। जिसे अब सभी को भी स्वीकार कर लेना चाहिये। बसपा की यही सलाह है।

मायावती ने ट्वीट किया कि जैसा कि सर्वविदित है कि अयोध्या विभिन्न धर्मों की पवित्र नगरी व स्थली है। लेकिन दुःख की बात यह है कि यह स्थल राम-मन्दिर व बाबरी-मस्जिद जमीन विवाद को लेकर काफी वर्षों तक विवादों में भी रहा है। लेकिन, इसका सुप्रीम कोर्ट ने अन्त किया। साथ ही, इसकी आड़ में राजनीति कर रही पार्टियों पर भी काफी कुछ विराम लगाया।

अयोध्या में राममन्दिर भूमिपूजन के दिन विपक्ष के नेता भी सक्रिय हो गए हैं और ट्वीट कर अपनी प्रति​क्रिया व्यक्त कर रहे हैं। इसी कड़ी में बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बुधवार को ट्वीट कर कहा कि कोर्ट के फैसले के तहत ही आज राम-मंदिर निर्माण की नींव रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि बसपा की सलाह है कि कोर्ट के फैसले के बाद सभी को इसे स्वीकार कर लेना चाहिए।