दूसरी जाति में शादी करना महिला को पड़ा भारी, खाना पड़ा गोबर

जिसकी वजह से पाल बिरादरी के लोगों ने भूपेश के परिवार का सामाजिक बहिष्कार कर दिया था. शादी, विवाह की पंगत में भोजन करने पर भी प्रतिबंध था.

 

कुछ दिन पूर्व बिरादरी में शामिल किए जाने के लिए पाल समाज के लोगों ने एक खाप पंचायत बुलाई थी, जिसमें पंचायत ने अपने तुगलकी फरमान में कहा था कि दंपति को गोमूत्र पीने और गोबर खाने की शर्त पर ही बिरादरी में शामिल किया जा सकता है.

यह बेतुकी शर्त माननी है या नहीं इस पर दंपति के निष्कर्ष के लिए एक बार शुक्रवार (आज) को फिर खाप पंचायत अपना अंतिम निर्णय सुनाने वाली ही थी कि इसके पहले भूपेश ने जिलाधिकारी झांसी के सामने अपनी अर्जी दाखिल कर दी.

समाज के ठेकेदारों को ना तो सुप्रीम कोर्ट का डर है और ना ही कानून का भय. एक ऐसा ही अजीब मामला बुंदेलखंड के झांसी में सामने आया, जहां खाप पंचायत ने एक अंतरजातीय दंपति को गोमूत्र पीने और गोबर खाने की शर्त पर बिरादरी में शामिल करने का फरमान सुनाया था.

लेकिन समय रहते पुलिस पहुंच गई. झांसी शहर के हंसारी ग्वालटोली निवासी भूपेश पाल ने 30 जून 2015 को एक गैर बिरादरी की युवती से अंतरजातीय विवाह किया था.