एक गलती की वजह से इस देश में बिछी लाशें, हुई ऐसी स्थिति

दुनिया के तमाम देश यह सोचने के लिए मजबूर है कि सभी आधुनिक संसाधनों से लैस इस देश में मरने वालों और संक्रमण का असर क्यों नहीं रूक रहा है।

 

अमेरिका ने शुरुआत में इस वायरस को गंभीरता से नहीं लिया साथ ही टेस्टिंग पर भी जोर नहीं दिया। जिसका नतीजा है कि कोरोना वायरस ने यहां तेजी से पांव पसारे।

इसके साथ ही अमेरिका ने और भी गलतियां की जिससे यह स्थिति उत्पन्न हुई है।दुनिया के सबसे ताकतवर देश में कहर बरपा रहे कोरोना से हर कोई हैरान है कि विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और सुपरपावर अमेरिका की आखिर ये हालत कैसे हो गई।

अमेरिका ने शुरूआत में कोरोना वायरस के मामलों को गंभीरता से नहीं लिया। राष्ट्रपति ट्रंप लगातार कहते रहे कि कोरोना वायरस का अमेरिका के लोगों पर बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा है।

अमेरिका के अलावा दुनिया के अन्य देश शुरू में केस आने के बाद ही एहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए थे। वहीं, अमेरिकी सरकार ने कोई भी पाबंदी नहीं लगाई थी।

चीन के वुहान शहर से शुरू हुए कोरोना ने जनवरी महीने में अमेरिका में दस्तक दी थी। यहां पहला मामला जनवरी में आया था इसके बावजूद यहां टेंस्टिंग की रफ्तार बहुत धीमी थी।

दो महीनों में तेजी से मामले बढ़ने के बाद यहां कोरोना की टेस्टिंग ने रफ्तार पकड़ी। कुछ दिनों पहले ट्रंप ने भी ट्वीट कर कहा था कि अमेरिका इकलौता देश है, जिसने 1.5 करोड़ से अधिक टेस्ट करवाए हैं। वहीं न्यूयॉर्क के नेताओं ने कोरोना वायरस फैलने के लिए ट्रंप और टेस्टिंग सिस्टम की असफलता को जिम्मेदार ठहराया है।

दुनिया में कोरोना का कहर जारी है। अब तक 58 लाख 3 हजार 785 लोग संक्रमण के शिकार हो चुके हैं। जबकि 3 लाख 57 हजार लोगों की मौत हो चुकी है।

वहीं, अमेरिका दुनिया का पहला देश है, जहां मरने वालों की संख्या सबसे अधिक 1 लाख से अधिक हो गई है। जबकि यहां संक्रमितों की संख्या 17 लाख के करीब पहुंच चुकी है।