आदिवासी बच्चों की एजुकेशन व्यावस्था को चौपट करने में लगे नक्सली, दिया इस भयावह वारदात को अंजाम

विकास का विरोध करने वाले नक्सली बच्चों की एजुकेशन व्यावस्था को चौपट करने के लिए भी लगातार कोशिश करते रहते हैं. स्कूलों को तोड़ना, शिक्षकों को मारना, बच्चों को स्कूल न जाने के लिए धमकाना इस तरह की गतिविधियों के साथ ही नक्सली अब बच्चों को सीधे नुकसान पहुंचाने की प्रयास में लगे हैं.

आश्रम तक हो रहा सड़क का निर्माण

छत्तीसगढ़ के धूर नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिला मुख्यालय से करीब 37 किमी दूर अबूझमाड़ में स्थित रामकृष्ण मिशन आश्रम तक सड़क का निर्माणकिया जा रहा था, ताकि बच्चे आश्रम तक सुरक्षित आ जा सकें साथ ही वहां रहने वाले बच्चों को राशन पहुंचाया जा सके. इस सड़क की मरम्मत से इर्द-गिर्द के करीब 12 गांवों के लोगों को भी राशन  आवागमन की सुविधा मिलती, लेकिन नक्सलियों को यह सड़क निर्मांण नागवार गुजरा.

नक्सलियों का एक गुट बुधवार को इरकभट्टी नदी के पास घाटी में पहुंचा  यहां जर्जर सड़क पर मुरूम डाल रहे रामकृष्ण मिशन आश्रम के तीन ट्रैक्टरों को आग के हवाले कर दिया.

मौके पर पहुंचे हथियारबंद नक्सली

बुधवार की शाम पांच दर्जन हथियारबंद नक्सली मौके पर पहुंचे  कार्य बंद करने की धमकी देते हुए वाहनों को आग के हवाले कर दिया. 34 वर्ष में ऐसा पहली बार हुआ है, जब रामकृष्ण मिशन आश्रम के वाहनों को माओवादियों ने टारगेट किया गया है, जिससे आश्रम प्रबंधन भी सकते में आ गया है.

नक्सलियों की इस करतूत का प्रभाव अबूझमाड़ के सीएम खाद्यान्न् योजना से जुड़े 12 सौ परिवार के साथ रामकृष्ण मिशन आश्रम के कुतुल, कच्चापाल  इरकभट्टी सेंटर में भविष्य संवार रहे चार सौ माड़िया बच्चों पर भी पड़ सकता है. बरसात के सीजन के बाद जर्जर सड़क की मरम्मत नहीं होने से इस इलाकों में रसद सप्लाई प्रभावित होने की बात सामने आ रही है.

खाने -पीने की सामग्रीकी सप्लाई प्रभावित होने की आशंका

रामकृष्ण मिशन आश्रम प्रबंधन का बोलना है कि नक्सलियों की वजह से पीडीएस सिस्टम के साथ आश्रम के तीन केंद्रों में खाने -पीने की सामग्री की सप्लाई प्रभावित होने की संभावना है. जर्जर सड़क की मरम्मत नहीं होने से राशन पहुंचा पाना कठिन होगा. इसके साथ ही कभी भी वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो सकते हैं. इससे जान-माल का नुकसान भी होने कि सम्भावना है.

नक्सलियों ने जलाए वाहन

रामकृष्ण मिशन आश्रम नारायणपुर के सचिव स्वामी व्याप्तानंद ने इस घटना पर बोला कि नक्सलियों के द्वारा पहली बार हमारे वाहनों को जलाया गया है. ग्रामीणों  बच्चों के लिए खाने-पीने की सामग्री ले जाने के लिए बेकार सड़क में मुरूम बिछाया जा रहा था. अब रसद लाने में परेशानी होगी. ग्रामीणों को समस्या का निराकरण करने के लिए पहल करना चाहिए.

बारिश के बाद सड़क पर चलना भी मुश्किल

बारिश के बाद इस सड़क पर पैदल चलना भी कठिन होता है. ऐसी स्थिति में सड़क की मरम्मत करना बहुत ही महत्वपूर्ण हो गया था. बताते हैं कि नक्सलियों के द्वारा कच्चापाल में पुलिस कैंप खोलने के लिए सड़क मरम्मत किए जाने के संदेह में आश्रम के वाहनों को क्षतिग्रस्त किया गया है. नक्सलियों के द्वारा पिछले कुछ महीनों से अबूझमाड़ में पुलिस कैंप खोलने के विरोध के लिए ग्रामीणों को उकसाया जा रहा है. कोहकामेटा कैम्प से सात किमी दूर नक्सली घटना से सारे इलाके में दहशत का माहौल है. कैम्प के पास से ही जेसीबी से मुरुम की ढुलाई की जा रही थी इस वजह से जेसीबी  दो ट्रैक्टर नक्सलियों की नजर से बच गए.

पुलिस अधीक्षक मोहत गर्ग ने इस घटना पर बोला कि नक्सलियों का विकास विरोधी चेहरा तो हमेशा दिखता था, लेकिन इस बार ग्रामीणों  बच्चों के लिए रसद ले जाने के लिए सड़क की मरम्मत करने वाले वाहनों को आग लगाकर नक्सलियों ने अपना वास्तविक चेहरा दिखा दिया है. नक्सलियों की घेराबंदी के लिए सर्च अभियान तेज किया गया है.