28 वर्ष बाद भारत में हुआ ये बड़ा बदलाव, 13 लाख की क्षमता वाली…

लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने जनरल बिपिन रावत के सेवानिवृत होने के बाद 13 लाख की क्षमता वाली भारतीय थलसेना की कमान संभाली है. ऑपरेशन  कमांड का लंबा अनुभव रखने वाले नरवणे जनरल बिपिन रावत के बाद सबसे अनुभवी सेना ऑफिसर हैं.
मनोज मुकुंद नरवणे, एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया  नौसेना अध्यक्ष करमबीर सिंह ने 1976 में नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) का 56वां कोर्स एक साथ किया था. इंडियन आर्मी के इतिहास में यह दूसरी बार है, जब तीनों सेनाओं के प्रमुख एनडीए के 1976 बैच के कैडेट हैं.

बता दें कि इससे पहले 1991 में तत्कालीन थलसेना प्रमुख सुनीत फ्रांसिस रोडरिग्ज, नौसेना प्रमुख एडमिरल लक्ष्मी नारायण रामदास  एयर चीफ मार्शल निर्मल चंद्र सूरी ने तीनों सेनाओं का नेतृत्व किया था. जिन्होंने एनडीए का कोर्स एक साथ किया था.

लेफ्टिनेंट जनरल नरवाणे 13वें सेना प्रमुख हैं, जिन्होंने एनडीए से कोर्स किया है. इसके अतिरिक्त एनडीए से पढ़ाई करने वाले 11 कैडेट्स नौसेना  नौ कैडेट्स वायुसेना की कमान संभाल चुके हैं. बाकी सेना प्रमुखों ने भारतीय सैन्य अकादमी, वायुसेना अकादमी  नौसेना अकादमी से पढ़ाई की है.

इस वर्ष सितंबर में सेना का उप प्रमुख पद संभालने से पहले लेफ्टिनेंट जनरल नरवणे सेना की पूर्वी कमान का नेतृत्व कर रहे थे. सेना की यह कमान चाइना से लगती 4000 किलोमीटर लंबी सीमा की सुरक्षा करती है.

अपने 37 वर्ष की सेवा में उन्होंने जम्मू और कश्मीर  पूर्वोत्तर में आतंकवाद और उग्रवाद विरोधी अभियानों, शांतिकाल में विभिन्न कमानों का नेतृत्व किया. उन्होंने जम्मू और कश्मीर में राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन  पूर्वी मोर्चे पर इंफैंट्री ब्रिगेड का नेतृत्व भी किया. लेफ्टिनेंट जनरल नरवाणे श्रीलंका भेजी गई भारतीय शांति बल का भाग थे. वह म्यांमार स्थित भारतीय दूतावास में तीन वर्ष तक डिफेंस अटैची भी रहे.

वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी  भारतीय सैन्य अकादमी के पूर्व विद्यार्थी हैं. उन्हें जून 1980 में सिख रोशनी इंफैंट्री रेजीमेंट की 7वीं बटालियन में कमीशन मिला था. उन्हें जम्मू और कश्मीर में अपनी बटालियन की सफलतापूर्वक और प्रभावी तरीका से नेतृत्व के लिए सेवा मेडल से सम्मानित किया गया है. इसके अतिरिक्त उन्हें नगालैंड में असम राइफल्स (नार्थ) के इंस्पेक्टर जनरल के तौर पर सेवाओं के लिए विशिष्ट सेवा मेडल  प्रतिष्ठित हमलावर कोर की कमान के लिए अतिविशिष्ट सेवा मेडल से भी सम्मानित किया गया.
सूत्रों के मुताबिक, थल सेना के प्रमुख पद की होड़ में लेफ्टिनेंट जनरल नरवाणे के अतिरिक्त नार्दर्न आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह  सार्दर्न आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट एसके सैनी भी थे. इन तीनों अधिकारियों के नाम की सूची कैबिनेट की नियुक्ति समिति को भेजी गई थी. लेफ्टिनेंट जनरल नरवाणे के नाम पर पीएम ने मुहर लगाई.