बांद्रा स्टेशन के बाहर भारी संख्या में लोगो की…पुलिस ने किया अचानक…

समाचार में बताया गया था कि 15 अप्रैल से ट्रेनें चलनी प्रारम्भ हो जाएंगी। रेलवे ने इस समाचार का खंडन भी कर दिया था, लेकिन तब तक मीडिया व दूसरे माध्यमों से वो वायरल हो गई थी। उसी का नतीजा है कि लॉकडाउन के बावजूद बांद्रा में यह भीड़ सड़क पर उतर आई।

 

सूरत के दो इलाकों वारछा व अश्विनी कुमार में लोग कपड़े ओर एम्ब्रॉयडरी का कार्य करते हैं। इनकी मांग है कि उन्हें वापस अपने गांव भेजा जाए।

मजदूरों का आरोप है कि उनके लिए खाने व राशन की भी कोई व्यवस्था नहीं है। वारछा इलाके में कारीगरों ने मास्क लगाकर भीड़ इकट्ठा की तो अश्विनी कुमार इलाके में सोशल डिस्टेंसिंग रख जमावड़ा किया।

हालांकि बाद में पुलिस के हस्तक्षेप से वे तितर-बितर हो गए। पुलिस ने उन्हें एरिया को खाली करने व अपनी जगहों जहां वह ठहरे हुए थे पर लौटने के लिए राजी कर लिया।

सूरत में यूपी, बिहार, राजस्थान, ओडिशा से मेहनतकश कार्य के लिए आते हैं। इससे कुछ दिन पहले भी मेहनतकश हिंसा पर उतर आए थे व सब्जियों के ठेलों को आग लगा दी थी।

मुंबई (Mumbai) के बांद्रा रेलवे स्टेशन के बाहर आकस्मित से सैकड़ों लोगों की भीड़ आ जाने की घटना पर रेलवे (Railway) ने एक बड़ा खुलासा किया है। रेलवे के अफसरों का बोलना है

कि बांद्रा स्टेशन के बाहर सैकड़ों लोगों की भीड़ आ जाने के पीछे की वजह 7 दिन पहले की एक फेक न्यूज (Fake News) है। एक अखबार ने नेशनल लेवल पर यह समाचार छापी थी।