मुस्लिम पक्ष के एडवोकेट का बड़ा दावा, कहा दलीलों से बटोरा ये…

मुस्लिम पक्ष  सुन्नी वक्फ बोर्ड को भले ही उच्चतम न्यायालय से निर्णय में निराशा मिली हो, लेकिन उनकी पैरवी करने वाले राजीव धवन ने खूब वाहवाही बटोरी. उच्चतम न्यायालय में करीब 40 दिन चली मैराथन सुनवाई में धवन ने अपनी दलीलों से पीठ का दिल जीत लिया.

पीठ ने कहा, हम वरिष्ठ एडवोकेट डॉ राजीव धवन की शैली से प्रभावित हुए. उन्होंने जिस तरह पूरी सुनवाई के दौरान दलीलें रखीं  साथ ही अपने विपक्षी वकीलों को बोलने का मौका दिया वह काबिल ए तारीफ था. पूरी सुनवाई के दौरान उन्होंने जिस तरह से धैर्य, सत्य  न्याय के लिए योगदान किया वह सराहनीय है.

सुनवाई के दौरान राजीव धवन ने एक बार यह भी बोला कि सीजेआई सब सवाल सिर्फ उनसे ही पूछ रहे हैं जबकि हिंदू पक्ष के एडवोकेट से कुछ नहीं पूछा जा रहा, इस पर सीजेआई ने हिंदू पक्ष के एडवोकेट से भी कई सवाल पूछ डाले. हालांकि राजीव धवन ने कई बार अपना आपा भी खोया, सुनवाई के अंतिम दिन तो उन्होंने हिंदू पक्ष की ओर से पेश किया गया नक्शा ही फाड़ दिया था. धवन को मुस्लिम पक्ष की ओर से पैरवी करने के लिए जान से मारने की धमकी भी मिली थी.

सीजेआई से बहस के बाद छोड़ी थी वकालत

74 वर्षीय राजीव धवन ने सीजेआई दीपक मिश्रा के साथ दिल्ली सरकार बनाम केन्द्र के मुद्दे में न्यायालय की सुनवाई के दौरान बहस के बाद 11 दिसंबर 2017 को उन्होंने वकालत छोड़ने का निर्णय किया था. बाद में मुस्लिम पक्ष की ओर से पैरवी के लिए वह तैयार हो गए.