फर्जी वीजा और जाली पोसपोर्ट से जुड़ा एक गिरोह गिरफ्तार, 11 लाख में हुआ था …का सौदा

इंदिरा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय एयरपोर्ट पुलिस ने फर्जी वीजा और जाली पोसपोर्ट से जुड़े एक गिरोह के तीन जालसाजों को गिरफ्तार किया है. इस गिरोह का काम लोगों को विदेश जाने का सब्‍जबाग दिखाना, फिर उनकी गाढ़ी कमाई हड़पना और आखिर में फर्जी वीजा, जाली पोसपोर्ट थमाकर नई मुसीबत में ढकेल देना था.

आईजीआई एयरपोर्ट के डीसीपी रवि कुमार सिंह के अनुसार, गिरफ्तार हुए तीनों आरोपियों की पहचान जसविंदर सिंह, बलजिंदर सिंह उर्फ तेजा और हरचरण सिंह उर्फ शाह के रूप में हुई है. तीनों के कब्‍जे से आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने एक भारतीय पासपोर्ट और अलग-अलग देशों के दो फर्जी वीजा बरामद किए हैं.


रितेंद्र सिंह नामक एक यात्री 10 नवंबर को थाइलैंड के फूकेट जाने के लिए आईजीआई एयरपोर्ट पहुंचा था. इमीग्रेशन जांच में पाया गया कि रितेंद्र सिंह के पासपोर्ट के कुछ पेज बदले गए हैं और एक इमीग्रेशन स्‍टैंप भी फर्जी है. प्रारंभिक जांच के बाद, रितेंद्र को हिरासत में लेकर आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस के हवाले कर दिया गया.

पूछताछ के दौरान, रितेंद्र ने आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस को बताया कि उसे तीन अलग-अलग एयरपोर्ट से ऑफलोड किया जा चुका है. इस प्रक्रिया के दौरान इमीग्रेशन अधिकारियों ने उसके पासपोर्ट पर ऑफ-लोडिंग के स्‍टैंप लगा दिए गए थे. इन ऑफ-लोडिंग स्‍टैंप की वजह से उसके विदेश जाने का सपना पूरा नहीं हो पा रहा था.

रितेंद्र ने आगे बताया कि अपनी इस समस्‍या के समाधान के लिए उसने अपने दोस्‍त पंकज से मदद मांगी. पंकज ने उसे एक एजेंट बलजिंदर उर्फ तेजा से मिलवाया. बलजिंदर ने उसे भरोसा दिलाया कि वह पासपोर्ट के ऑफलोडेड स्‍टैंप वाले पेजों को दूसरे पासपोर्ट के पेज से बदलवा देगा. साथ ही, वह उसकी यूनाइटेड किंगडम (यूके) का वीजा दिलाने में मदद भी करेगा.

रितेंद्र के कबूलनामे से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने बलजिंदर और उसके साथियों की तलाश शुरू कर दी. एसीपी वीरेंद्र मोर की देखरेख और एसएचओ यशपाल सिंह के नेतृत्‍व में सब इंस्‍पेक्‍टर सुधीर जून और हेडकांन्‍स्‍टेबल विनीत ने करीब एक महीने तक कई रेड की, लेकिन आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बचने में सफल रहे.

एयरपोर्ट पुलिस ने दिल्‍ली के जनकपुरी इलाके से बलजिंदर को गिरफ्तार कर लिया. यह गिरफ्तारी 19 दिसंबर को एक गुप्‍त सूचना के आधार पर हुई. पूछताछ के दौरान, आरोपी बलजिंदर ने पुलिस को बताया कि नवंबर 2022 में रितेंद्र सिंह उसके पासपोर्ट में लगे ऑफलोडेड स्‍टैंप को हटाने के लिए मिला था. दोनों के बीच सौदा 11 लाख रुपए में तय हुआ था.

सौदा तय होने के बाद उसने इस काम के लिए बलजिंदर ने अपने जानकार एजेंट हरचरन और हरचरन ने आगे जसविंदर से बातचीत की और जसविंदर ने रितेंद्र के पासपोर्ट के पेज बदल दिए. बलजिंदर की निशानदेही पर पुलिस ने 22 दिसंबर को दिल्‍ली के डाबरी इलाके से हरचरण और जसविंदर को सागरपुर इलाके से गिरफ्तार कर लिया गया.