ऑस्ट्रेलिया के जंगलो में जानबूझ कर आग लगाने के मुद्दे में सैकड़ों लोगों के साथ किया गया ये काम

ऑस्ट्रेलिया में जानबूझ कर जंगल में आग लगाने के मुद्दे में सैकड़ों लोगों को हिरासत में लिया गया है. सितंबर से जल रही आग से अबतक 25 लोगों की मृत्यु हो चुकी है. खबर एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया के एक खबर लेटर ने बोला कि इन लोगों को सबसे ज्यादा प्रभावित प्रांतों न्यू साउथ वेल्स (एनएसडब्ल्यू), क्वींसलैंड, विक्टोरिया, साउथ ऑस्ट्रेलिया  तस्मानिया से हिरासत में लिया गया है.

सिर्फ एनएसडब्ल्यू में नवंबर के बाद 183 लोगों पर मुद्दा दर्ज किया गया या चेतावनी दी गई  जानबूझ कर जंगलों में आग लगाने के मुद्दे में 24 लोगों को हिरासत में लिया गया. वहीं विक्टोरिया में 43 पर मुद्दा दर्ज किया गया, क्वींसलैंड में 101 लोगों को हिरासत में लिया गया, इनमें से लगभग 70 फीसदी लोग नाबालिग थे. यहां नवंबर में सबसे भयानक आग थी.

स्विनबर्न यूनिवर्सिटी में फॉरेंसिक बिहेवियरल साइंस के निदेशक जेम्स ओग्लॉफ के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया में लगभग 50 फीसदी आग जानबूझ कर लगाई गई. उन्होंने न्यूज कॉर्प को बताया, “उन्हें आग देखना अच्छा लगता है, आग लगाना अच्छा लगता है  वे अक्सर यह जानकारी देते हैं कि जंगल कैसे जलता है  आग को भड़काया कैसे जाता है.

यूनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न की प्रोफेसर के एसोसिएट प्रोफेसर जेनेट स्टेनली ने बोला कि आगजनी करने वाले या आग लगाने वाले आम तौर पर युवा लड़के हैं जो 12 से 24 वर्ष के बीच के हैं या 60 वर्ष या इससे भी बुजुर्ग. एक पूर्व स्वयंसेवी दमकल कर्मी ब्रेंडन सोकालुक को 2009 में विक्टोरिया में आग लगाने के मुद्दे में 17 वर्ष नौ महीने की कारागार की सजा सुनाई थी. ऑस्ट्रेलिया के सबसे खतरनाक अग्निकांडों में से एक इस घटना में 10 लोग मारे गए थे.