राफ़ेल मुद्दे (Rafale Case) पर के पुराने फ़ैसले को लेकर चुनावी दिनों में पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के विरूद्ध ‘चौकीदार चोर है’ के नारे का प्रयोग करने को लेकर के विरूद्ध दायर अवमानना याचिका खारिज करते हुए उच्चतम न्यायालय द्वारा उन्हें भविष्य में ऐसा न करने की हिदायत दी गई है।
लिहाजा उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद राहुल गांधी ने भविष्य में दोबारा ऐसा न करने की मानी है। उन्होंने तय किया है कि वे राफेल लड़ाकू विमान मुद्दे पर अब सावधानी बरतेंगे व भविष्य में कभी ‘चौकीदार चोर है’का नारा नहीं लगाएंगे। सूत्रों के हवाले से यह जानकारी मिली है।
सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी ने तय किया है कि वे भविष्य में किसी भी तरह से ‘चौकीदार चोर है’का नारा नहीं लगाएंगे व पूरी तरह सावधानी बरतेंगे। हालांकि कांग्रेस राफेल लड़ाकू विमान मुद्दे पर संसद में JPC यानि joint Parliamentry Committee की मांग को जारी रखेगी। आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि आगामी 18 नवंबर से संसद का शीतकालीन सत्र प्रारम्भ हो रहा है।
दरअसल, गुरुवार को उच्चतम न्यायालय ने राफेल लड़ाकू विमान सौदा मुद्दे में जाँच की मांग वाली समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति एस। के। कौल ने आदेश पढ़ते हुए बोला कि समीक्षा याचिका अयोग्य है। उच्चतम न्यायालय ने दसॉ एविएशन से संबद्ध राफेल लड़ाकू विमान मुद्दे की जाँच के लिए प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग वाली याचिका खारिज कर दिया।
साथ ही न्यायालय ने के विरूद्ध चल रहे अवमानना मुद्दे को भी समाप्त कर दिया व बोला कि एक जरूरी सियासी आदमी के तौर पर राहुल गांधी को भविष्य में व सतर्क रहना होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विषय में राहुल गांधी के ‘चौकीदार चोर है’ बयान देने पर उनके विरूद्ध अवमानना मुद्दे की जाँच प्रारम्भ कर दी गई थी।
सीजेआई रंजन गोगोई व न्यायमूर्ति एस। के। कौल व न्यायमूर्ति के। एम। जोसफ की पीठ ने बोला कि पॉलिटिक्स में जरूरी आदमी के तौर पर राहुल गांधी को भविष्य में न्यायालय का हवाला देते हुए ऐसे बयान देते समय व सतर्क होना चाहिए, जो न्यायालय के आदेश का भाग ही नहीं था।