मस्तिष्क ज्वर से लगातार हो रहीं मौतों पर लोकल बीजेपी सांसद अजय निषाद ने गैर जिम्मेदाराना बयान दिया. उन्होंने कहाकि इस बीमारी की वास्तविक वजह 4G है.
यानी गर्मी, गांव, गरीब, गंदगी.सांसद ने मरीजों की जातियां भी गिनाते हुएकहा-‘ज्यादातर मरीज गरीब तबके से हैं.उनके रहन-सहन के स्तर में गिरावट है. इसलिए इस बार ज्यादा मुद्देआ रहे हैं. लोगों के ज़िंदगी स्तर को सुधारने की आवश्यकता है.‘
सांसद अजय निषाद ने कहा- बीमारी से बचाव के लिए 4G पर कार्य करने की आवश्यकता है. पहला है गांव. जितने भी मृतक या बीमार बच्चे हैं- सब गांव से जुड़े हैं. दूसरा है- गरीबी.बीमारी से पीड़ित अधिकांश बच्चे गरीब परिवार से हैं. ज्यादातर लोग अनुसूचित जाति, जनजाति व अति पिछड़ा समाज से हैं. तीसरा है- गर्मी. इस वर्ष बिहार में बहुत अधिक गर्मी पड़ रही है. चौथा है- गंदगी. इसकी रोकथाम करने के लिए पेड़-पौधे लगानेचाहिए.
निषाद ने कहाकि मस्तिष्क ज्वर (एईएस) से हर वर्ष बच्चों की मृत्यु होती है. इस बार प्रभावी कदम उठाने में चूक हुई है. बीमारी आने से पहले जमीनी स्तर पर जितना कार्य होना चाहिए था, नहीं हुआ. बीमारी अज्ञात है. सरकार को इन सभी चीजों पर ध्यान देने की आवश्यकता है. बीमारी पर शोध कर रहे लोगों को भी जमीनी स्तर पर जाने की आवश्यकता है.
मुजफ्फरपुर के दोबड़े अस्पतालों में 151 बच्चे भर्ती
मुजफ्फरपुर में इंसेफेलाइटिस से18 दिन में139बच्चोंकी मृत्यु हो चुकी है. अभीएसकेएमसीएच व केजरीवाल अस्पताल में151 बच्चे भर्ती हैं.बीमारी क्या है, इस बारे में डाॅक्टर अब तक कुछ भी स्पष्ट नहीं कहपा रहे. चिकित्सक यह भी नहीं समझ पा रहे हैं कि बच्चों को दवा किस बीमारी की दें. पिछले एकसेऔसतन यहांहर तीन घंटे में एक बच्चे की मृत्यु हुई.