राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की सरकार ने निर्णय किया है कि अब प्रदेश के स्कूलों की किताबों में सावरकर को ‘वीर’ नहीं लिखा जाएगा। राजस्थान बोर्ड ऑफ सेकेंडरी शिक्षा (RBSE) के लिए ताजा छपी किताबों में राजस्थान प्रदेश पाठ्यपुस्तक बोर्ड (RSTB) द्वारा मार्केट में वितरित की गई हैं। यह बदलाव इस वर्ष 13 फरवरी को गठित पाठ्यपुस्तक समीक्षा समिति द्वारा की गई सिफारिशों के बाद किया गया था।
इसी वर्ष मई में समाचार आई थी कि कांग्रेस पार्टी सरकार ने निर्णय लिया था भाजपा की सरकार के दौरान स्कूल कि किताबों में जो गैरज़रूरी परिवर्तन हुए हैं उन्हें वापस लिया जाए।इसके तहत सावरकर से जुड़ी सामग्री में अहम परिवर्तन किया जा रहा है। इसमें विनायक दामोदर सावरकर को वीर व देशभक्त नहीं, बल्कि कारागार से बचने के लिए अंग्रेजों से दया मांगने वाला बताया गया है।
जौहर व सती पर मामले पर भी किया बदलाव
राज्य में सरकार बदलने के बाद कांग्रेस पार्टी सरकार ने दो कमेटियों का गठन कर स्कूली एजुकेशन के पाठ्यक्रम की समीक्षा का काम प्रारम्भ करवाया था। उस समय एजुकेशनराज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार पर स्कूली एजुकेशन का भगवाकरण करने आरोप लगया था।
इससे पहले कांग्रेस सरकार ने पाठ्यक्रम में कुछ परिवर्तन प्रस्तावित किए थे जिनके तहत आठवीं कक्षा में अंग्रेजी की किताब के पहले अध्याय में रानी पद्मावती और अन्य स्त्रियों के जौहर का एक चित्र था जिसे हटाकर उसकी स्थान केवल दुर्ग का चित्र लगाया गया है।