3 जून का शनि जयंती है. ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को शनिदेव का जन्म हुआ था. ज्योतिष के अनुसार सभी नौ ग्रहों में शनिदेव को न्यायाधीश का पंजीकृत ा प्राप्त है.यह उपाधि शनिदेव को भगवान शंकर ने दी है. शनिदेव अच्छे कर्म करने पर अच्छा फल देते हैं व बुरे कर्म करने पर बुरा. शनि देव के पिता सूर्य देव है. हनुमान भक्तों को शनि देव कभी भी परेशान नहीं करते.
शनिदेव उन लोगों को शुभ फल प्रदान करते हैं जो मेहनती व गरीबों को भोजन कराते हैं. जो आदमी गरीबों का अपमान करता है उस आदमी पर शनि कभी भी अपनी कृपा द्दष्टि नहीं रखते.
शनि देव को प्रसंन्न करने के लिए शनिवार के दिन उन्हें ऑयल चढ़ाना चाहिए व पीपल की विशेष रूप से पूजा करनी चाहिए.
शनिवार को काले तिल का दान, शमी के पेड़ की पूजा व चमड़े के जूते-चप्पल का दान करना भी शुभ माना गया है.
इस समय शनि धनु राशि में गोचर है. इस कारण वृश्चिक, धनु व मकर राशि पर शनि की साढ़ेसाती है. जबकि वृष व कन्या राशि पर शनि की ढय्या का असर है.