आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का मुखिया, पठानकोट के मास्टरमाइंड ने अपने संगठन के सदस्यों को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला करने का आदेशदिया था. यह कार्य उसने पाक के रावलपिंडी स्थित सैन्य बेस अस्पताल से किया था. जहां उसका पिछले चार महीनों से उपचार चल रहा था. बिमारी की वजह से वो यूनाइटेड जिहाद काउंसिल (यूजेसी) की हुई पिछली 6 बैठकों से नदारद रहा. पाक समर्थित यह आतंकवादी संगठन हिंदुस्तान के विरूद्ध आतंकी समूहों का प्रयोग करता रहा है.
संदेश में आजहर कहता है, ‘इस युद्ध में मौत से ज्यादा आनंददायक कुछ भी नहीं है.‘ वह बताता है कि किस तरह से वह हिंदुस्तान के विरूद्ध युद्ध छेड़ना चाहता है. उसने कहा, ‘कोई इन्हें दहशतगर्द कहेगा, कोई इन्हें निकम्मा कहेगा, कोई इन्हें पागल कहेगा, कोई इन्हें अमन के लिए खतरा कहेगा.‘
अजहर ने यूजेसी के अन्य घटकों के साथ नवीनतम हमले की अपनी योजनाओं को साझा नहीं किया. इसके बजाय अजहर ने चुपके से अपने अन्य भतीजे मोहम्मद उमेर व अब्दुल रशीद गाजी को घाटी में युवाओं का ब्रेनवॉश करने के लिए इन टेपों का प्रयोग करने के लिए नियुक्त किया व उन्हें आईईडी विस्फोटकों के साथ फिदायीन हमले के लिए प्रेरित किया.
कश्मीर के इंटेलिजेंस ऑफिसर ने कहा, जेईएम का कोई भी आदमी आगे नहीं गया. वह सभी दक्षिण कश्मीर में अपने तीन नेताओं- उमेर, इस्माइल व अब्दुल राशिद गाजी के साथ छुपे हुए हैं. कश्मीर में कम से कम 60 जैश आतंकवादी सक्रिय हैं. जिसमें से 35 पाक के हैं व बाकी लोकल हैं. उसकी गैर-मौजूदगी में हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर सैयद सलाहूद्दीन ने यूजेसी का नेतृत्व किया.