जम्मू एवं कश्मीर के पर राष्ट्र भर में तीखी व रोष भरी रिएक्शन आ रही हैं। इस मामले में क्रिकेट जगत भी पीछे नहीं हैं। ने भी इस हमले से खुद को स्तब्ध बताते हुए शहीदों के लिए शोक जाहीर किया है। इसके अलावा इस हमले से आहत पूर्व इंडियन सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने अपने ट्विटर अकाउंट पर तीखी रिएक्शन दी है। गंभीर ने बोलाहै कि बात होनी तो चाहिए, लेकिन अब केवल युद्ध के मैदान पर ही होनी चाहिए।
जम्मू एवं कश्मीर में 1989 में आतंकवाद के सिर उठाने के बाद से हुए अब तक के सबसे बड़े आतंकवादी हमले में एक आत्मघाती हमलवार ने गुरुवार को पुलवामा जिले में श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर अपनी विस्फोटकों से लदी एसयूवी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की बस से टकरा दी व उसमें विस्फोट कर दिया। इस आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के कम से कम 42 जवान शहीद हुए हैं।
विराट ने जताईं शहीदों के लिए गहरी संवेदनाएं
ने बोला है, “मुझे पुलवामा हमले के बारे में सुनकर मैं सदमें में हूं। मेैं शहीदों के लिए गहरे दिल संवेदनाएं प्रकट करता हूं व घायल जवानों के लिए प्रार्थना करता हूं कि वे जल्द ही अच्छाहो जाएं। ”
गंभीर ने कहा- सबक सिखाया जाए पाक को
गंभीर ने बोला है कि अब पाक के साथ टेबल पर नहीं बल्कि युद्ध के मैदान में बात होनी चाहिए। गंभीर ने ट्विटर पर लिखा, “हां, अलगाववादियों-आतंकियों व पाक से बात तो जरूर होनी चाहिए लेकिन यह बात टेबल पर नहीं बल्कि अब युद्ध के मैदान में होनी चाहिए। अब बस बहुत हुआ। ”
सहवाग ने भी जताया अफसोस
इसके अलावा वीरेंद्र सहवाग ने भी अपने ट्विटर अकाउंट पर रिएक्शन दी है। सहवाग ने कहा, “ वास्तव में जम्मू व कश्मीर में सीआरपीएफ पर कायरतापूर्ण हमला। जिसमें हमारे बहादुर सिपाही शहीद हुए हैं, वास्तव में बहुत तकलीफ दे रहा है। इस दर्द को बयां करने के लिए शब्द नहीं हैं। मैं दुआ करता हूं कि घायल की स्वास्थय में जल्द ही सुधार हो। ”
पूर्व इंडियन बल्लेबाज मोहम्म्द कैफ ने बोला कि हमारे सीआरपीएफ जवानों पर हमले की सुनकर बहुत दुख हुआ। मैं प्रार्थना करता हूं कि इन कायर आतंकवादियों को जल्द से सबक सिखाया जाना चाहिए।
बढ़ गई शहीदों की संख्या
गंभीर ने यह ट्वीट उस समय किया था जब आतंकवादी हमले में शहीदों की संख्या 18 थी। अब सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले में 45 जवान शहीद हो गए हैं।अधिकारियों ने बताया कि दो घायल जवानों के दम तोड़ने के बाद मृतकों की संख्या 45 हो गई। वहीं, 38 जवान घायल हैं। जम्मू एवं कश्मीर में 1989 में आतंकवाद के सिर उठाने के बाद से यह सबसे भयावह आतंकवादी हमला है।