हिंदुस्तान व इमरान खान के नेतृत्व वाली गवर्नमेंट के बीच पिछले वर्ष हुई पहली आधिकारिक वार्ता में दोनों पक्षों ने स्थायी सिंधु आयोग (पीआईसी) को मजबूत बनाने पर बात की थी.जिससे कि 1960 में बनी जल संधि के मुद्दों को हल किया जा सके. पाक के जल संसधान मंत्री फैसल वावदा ने हिंदुस्तान के पाकिस्तानी टीम को निरीक्षण करने की मंजूरी दिए जाने को बहुत जरूरी बताया है.
फैसल वावदा ने ट्वीट कर कहा, ‘पाकिस्तान व हिंदुस्तान के बीच सिंधु जल संधि को लेकर कई वर्षों से मतभेद हैं. हमारी लगातार कोशिशों के कारण हमें एक जरूरी सफलता मिली है.हिंदुस्तान अंतत: हमारे इस अनुरोध को मानने के लिए तैयार हुआ है कि हम चेनाब बेसिन पर बन रहे इंडियन परियोजनाओं का निरीक्षण कर सकें.‘
दोनों राष्ट्र इस समय बहुत सिंधु जल संधि के अतंर्गत बहुत सी पनबिजली परियोजनाओं को लागू करने के लिए तकनीकी वार्ता कर रहे हैं जिसमें जम्मू व कश्मीर के पकल दुल (1,000 वाट) व लोवर कलनल (48 वाट) भी शामिल हैं. दोनों राष्ट्र पिछली मीटिंग में इस बात पर राजी हुए थे कि सिंधु आयोग नदी के दोनों तरफ के बेसिनों का निरीक्षण करेगा.
पाक की मीडिया ने उस समय बोला था कि हिंदुस्तान ने पाकिस्तानी विशेषज्ञों को पकल दुल व लोवर कलनई पनबिजली परियोजनाओं का निरीक्षण करने के लिए आमंत्रित किया है.जिससे कि पाक की परियोजनाओं को लेकर जारी चिंता का निवारण हो सके. वार्ता के दौरान हिंदुस्तान ने पाक के निर्माण काम को लेकर जारी आपत्तियों को खारिज कर दिया था.