कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने देशद्रोह से जुड़ी इंडियन दंड संहिता की धारा 124ए को समाप्त करने की पैरवी करते हुए बुधवार को बोला कि वर्तमन में इस औपनिवेशिक कानून की आवश्यकता नहीं है.
उनका यह बयान उस वक्त आया है जब जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में दो वर्ष पहले हुई कथित नारेबाजी के मामले में दिल्ली पुलिस ने हाल ही में कन्हैया कुमार व अन्य के विरूद्ध आरोपपत्र दायर किया है जिसमें धारा 124ए भी लगाई गयी है.
सिब्बल ने ट्वीट किया, ‘देशद्रोह के कानून (आईपीसी की धारा 124ए) को समाप्त किया जाए. यह औपनिवेशिक है.‘
उन्होंने कहा, ‘असली देशद्रोह तब होता है जब सत्ता में बैठे लोग संस्थाओं के साथ छेड़छाड़ करते हैं, कानून का दुरुपयोग करते हैं, हिंसा भड़काकर शांति एवं सुरक्षा की स्थिति बेकारकरते हैं.‘