धमकी दी है कि यदि अमेरिका प्रतिबंध के जरिए दबाव बनाना जारी रखता है तो प्योंगयांग अपना रुख बदलने पर विचार कर सकता है। किम ने मंगलवार को अपने नववर्ष संबोधन में यह बात कही। किम ने बोला कि अमेरिका ने अगर संसार के सामने किए अपने वादों को पूरा नहीं किया व हमारे राष्ट्र के विरूद्ध प्रतिबंध व दबाव बढ़ाता रहा तो हमारे पास अपनी संप्रभुता एवं हितों की रक्षा करने के लिए कोई नया रास्ता खोजने के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं रह जाएगा।
उत्तर कोरियाई नेता ने के साथ सिंगापुर में जून में हुई शिखर बातचीत का हवाला देते हुए बोला वार्ता ‘सफल’ रही व ‘‘रचनात्मक विचारों का आदान-प्रदान किया गया। ’’ उस दौरान दोनों नेताओं ने कोरियाई प्रायद्वीप के परमाणु निरस्त्रीकरण के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन वाशिंगटन व प्योंगयांग के बीच उसके असली अर्थ को लेकर चल रही बहस के कारण यह बाधित है।
उत्तर कोरिया पर संयुक्त देश सुरक्षा परिषद के प्रतिबंधों के कई प्रतिबंध लगे हैं, जिससे परमाणु व बैलिस्टिक मिसाइल हथियारों के कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगा गया है. किम ने कहा, ‘‘मैं अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ कभी भी वार्ता को तैयार हूं व अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा स्वीकार्य नतीजे निकालने के पूरे कोशिश करेंगे। ’’
उन्होंने साथ ही बोला कि अमेरिका व दक्षिण कोरिया को अब साझा सैन्य एक्सरसाइज भी बंद कर देना चाहिए। सियोल व वाशिंगटन के बीच एक सुरक्षा संधि है व अमेरिका ने दक्षिण कोरिया को पड़ोसी राष्ट्र से सुरक्षा प्रदान करने के लिए अपने 28,500 सैनिक वहां तैनात कर रखे हैं।