जीएसटी काउंसिल की बैठक में शनिवार को 23 वस्तुओं पर GST की दर कम करने के बाद अब अगले महीने होने वाली बैठक में निर्माणाधीन आवासीय इकाइयों और कंप्लीकेशन (निर्माण कार्य सम्पन्न होने का प्रमाण पत्र) की प्रतीक्षा में पड़े तैयार फ्लैट पर टैक्स की दर को घटाकर पांच प्रतिशत कर सकता है।
अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार वर्तमान में ऐसे तैयार फ्लैट पर जीएसटी की दर 12 प्रतिशत है, जिन्हें कार्य पूर्ण होने का प्रमाणपत्र नहीं मिला है। फिलहाल रियल एस्टेट संपत्तियों के उन खरीदारों पर जीएसटी नहीं लगता है, जिन्हें बिक्री के समय कार्य-पूर्ण होने का प्रमाण पत्र मिल चुका है।
अधिकारियों ने कहा कि इस मामले में 12 प्रतिशत की GST दर का भार कायदे से तो बिल्डरों द्वारा निमार्ण वस्तुओं पर दिए गए करों के कारण आंशिक रुप से कम हो जाता है। ऐसे में अंतत: निर्माणधीन मकानों पर जीएसटी की वास्तविक दर करीब 5-6 प्रतिशत पड़नी चाहिए लेकिन बिल्डर उत्पादन सामग्री पर चुकाए गए करों के लाभ का फायदा ग्राहकों तक नहीं पहुंचा रहे हैं।
एक अधिकारी ने कहा कि जीएसटी परिषद के समक्ष रखे गए प्रस्तावों में एक यह भी है कि 80 प्रतिशत निर्माण सामग्री पंजीकृत डीलरों से खरीदने वाले बिल्डरों के लिए जीएसटी दर घटाकर 5 प्रतिशत कर दी जाए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में बिल्डर निर्माण में इस्तेमाल हो रही वस्तुओं के लिए नकदी में भुगतान कर रहे हैं और उपभोक्ताओं को सामग्री खरीद में चुकाए गए कर पर मिलने वाले लाभ का फायदा नहीं पहुंचा रहे हैं। इसलिए उन्हें औपचारिक व्यवस्था के अंतर्गत लाने की जरुरत है।
फ्लैट और घर के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले अधिकांश निर्माण उत्पाद, पूंजीगत सामान और सेवाओं पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है, जबकि सीमेंट पर 28 प्रतिशत का जीएसटी लगता है।