चीन के साथ बढ़ते व्यापारिक टकराव के बीच अमरीकी शेयर बाज़ार को बीते एक दशक में सबसे तगड़ा झटका लगा है। प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़ अमरीकी बाज़ार के तीनों सूचकांकों में भारी गिरावट दर्ज की गई है, सबसे अधिक गिरावट तकनीकी कंपनियों में आई है जो अपने शीर्ष स्तर से 20 प्रतिशत नीचे गिर गया है।
वर्ष 2008 के बाद से ‘डाओ जोंस’ में एक सप्ताह के भीतर की सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली है, वहीं ‘एस एंड पी 500’ के सूचकांक में बीते सप्ताह 7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
बताया जा रहा है कि अमेरिकी बाज़ार में इस तरह की गिरावट अगस्त 2011 के बाद से सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट है। वहीं ‘नैसडेक’ में 8.36 प्रतिशत की आई गिरावट को नवंबर 2008 के बाद से सबसे बड़ी गिरावट माना जा रहा है।
इसी सप्ताह ‘डाऊ जोंस’ 6.8 प्रतिशत तक नीचे गिर गया है, अमरीकी बाज़ार और अर्थव्यवस्था की सेहत नापने वाले इन तीनों सूचकांकों में आई इस भारी गिरावट का कारण चीन के साथ अमेरिका के व्यापारिक तनाव के अलावा ट्रम्प सरकार के शटडाउन और क़र्ज़ पर बढ़ती ब्याज़ दरों को भी माना जा रहा है।
कई साल के मुनाफ़े के बाद अब अमरीकी निवेशक कम होते कार्पोरेट लाभ और घरेलू एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर धीमी होती आर्थिक प्रगति की वजह से स्टाक बेच रहे हैं। इसी सप्ताह अमरीका की फ़ेडरल रिज़र्व ने ब्याज़ दर बढ़ा दी थी और संकेत दिए थे कि यह अगले साल भी धीमी गति से बढ़ेगी।
सीएमसी मार्केट के मुख्य बाज़ार विश्लेषक मिशेल कहते हैं, ‘यूरोज़ोन धीमा पड़ रहा है और चीन भी ठंडा हो रहा है और अमरीका के कुछ आर्थिक सूचक भी हाल के दिनों में हल्के ही रहे हैं और बावजूद इसके फ़ेडरल रिज़र्व ने ब्याज़ दरें बढ़ा दी हैं और कहा है कि 2019 में भी ये बढ़ती रहेंगी।’
वहीं वेस्टपेक की अर्थशास्त्री इलियट क्लार्क कहती हैं, ‘वाशिंगटन में राजनीतिक अस्थिरता बाज़ार में और अनिश्चितता पैदा कर रही है।’
इसी बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प के आर्थिक सलाहकार पीटार नावारो ने निकेई समाचार पत्र से बातचीत करते हुए कहा है कि चीन और अमरीका के बीच जारी आर्थिक युद्ध समाप्त करने के लिए दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक व्यापार समझौते तक पहुंचना मुश्किल होगा।