नेपाल की संसद ने रविवार को पूर्व विधि मंत्री नीलांबर आचार्य को हिंदुस्तान में राष्ट्र का अगला राजदूत नियुक्त करने का अनुमोदन कर दिया। संविधान में यह प्रावधान है कि संवैधानिक परिषद की सिफारिश पर गवर्नमेंट द्वारा मनोनीत किये जाने पर राजदूतों के नामों पर संसदीय सुनवाई समिति विचार करेगी। उसके बाद राष्ट्रपति औपचारिक रूप से उनकी नियुक्ति करते हैं।
समिति ने आचार्य, उदय राज पांडेय, अंजन शाक्य व कृष्ण प्रसाद ढकाल के नामों का क्रमश: भारत, मलेशिया, इजराइल व संयुक्त अरब अमीरात के राजदूत के तौर पर अनुमोदन किया। चार प्रस्तावित राजदूतों के नाम अब औपचारिक नियुक्ति के लिये राष्ट्रपति बिद्या भंडारी को भेजे जाएंगे। संसदीय समिति के सवालों के जवाब देते हुए आचार्य ने बोला कि यद्यपि हिंदुस्तान व नेपाल के बीच खुली सीमा है, ‘‘लेकिन दोनों राष्ट्रों के दिलों को खोला जाना अभी बाकी है। ’’
उन्होंने बोला कि विश्वास का माहौल बनाने की आवश्यकता है क्योंकि द्विपक्षीय संबंधों में अब भी शक व्याप्त है। पूर्व विधि एवं न्याय मंत्री आचार्य ने बोला कि वह इंडियन नेतृत्व से कहेंगे कि चाइना के साथ नेपाल का संबंध हिंदुस्तान के साथ उसके संबंधों को प्रभावित नहीं करता है। उन्होंने बोला कि एक राजदूत को यह समझाने में अवश्य सक्षम होना चाहिये कि किसी राष्ट्र का दूसरे राष्ट्र के साथ संबंध अन्य राष्ट्र के साथ उसके रिश्तों की मूल्य पर नहीं है।