दरअसल सुप्रीम न्यायालय में भी जजों की कमी के कारण हजारों मामले पेंडिंग में पड़े है व उन पर सुनवाई नहीं हो पा रही है. इसी तरह से राष्ट्र के अन्य न्यायालयों में भी हजारों लाखों मामले लंबित पड़े हुए हैं. जिनकी सुनवाई के लिए उपलब्ध जजों के पास समय ही नहीं है. वर्तमान में उच्चतम कोर्ट ने राष्ट्र के राज्यों में जजों की नियुक्तियां करने का भी आदेश सुनाया है.जिससे रिक्त पड़े पदों को जल्द से जल्द भरा जा सके.
गौरतलब है कि सुप्रीम न्यायालय के आदेश के बाद राज्यों के सभी न्यायालयों ने जजों की नियुक्तियां पर गंभीर चिंतन किया है. यहां बता दें कि जो तीन जजों का तबादला किया गया है.उनमें जम्मू व कश्मीर न्यायालय के जस्टिस आलोक अराधे का ट्रांसफर कर्नाटक न्यायालय में किया गया है व जस्टिस अराधे की स्थान पंजाब एंड हरियाणा न्यायालय के जस्टिस राजेश बिंदल को भेजा गया है. वहीं कर्नाटक न्यायालय के जस्टिस विनीत कोठारी का मद्रास न्यायालय में तबादला किया गया है.