पूर्व मंत्री मंजू वर्मा के पास से ‘अवैध गोला बारूद’ की बरामदगी के मामले में SC का कमेंट

पूर्व मंत्री मंजू वर्मा के पास से ‘अवैध गोला बारूद’ की बरामदगी के मामले में उन्हें गिरफ्तार करने में पुलिस की विफलता पर नाखुशी प्रकट करते हुए उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा , “बिहार में सबकुछ ठीक नहीं है।”

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इस बीच मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को कोर्ट के आदेश पर पटियाला जेल भेजा गया है। मुख्य आरोपी अपने रसूख और संपर्कों के कारण केस को प्रभावित कर सकता था। लिहाजा कोर्ट ने उसे शिफ्ट करने का आदेश दिया है।

मुजफ्फरपुर आश्रय गृह स्कैंडल के आलोक में मंजू वर्मा ने बिहार मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर, न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ को बिहार सरकार ने बताया कि वर्मा कहीं छिपी हुई हैं। मंगलवार को पीठ ने पूर्व मंत्री को गिरफ्तार नहीं करने पर बिहार पुलिस की खिंचाई की थी। पीठ ने कहा, “बिहार में सबकुछ ठीक नहीं है। एक पूर्व मंत्री छिप गयी हैं और राज्य को पता नहीं है कि उसकी पूर्व मंत्री अपनी जमानत अर्जी खारिज होने के बाद कहां चली गयीं। ” पीठ ने इसे ‘विचित्र’ ठहराया।

मंजू वर्मा ने मुजफ्फपुर कांड के बाद बिहार सरकार में समाज कल्याण मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। दरअसल यह सामने आया था कि मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा ने जनवरी और जून के बीच मुजफ्फर मामले के मुख्य आरोपी से कई बार बातचीत की थी। मुजफ्फपुर के आश्रय गृह की लड़कियों के साथ कथित रुप से बलात्कार किया गया था और उनका यौन शोषण किया गया था। मंजू वर्मा के पति ने गोला बारूद की बरामदगी से जुड़े मामले में सोमवार को बिहार में बेगुसराय की एक अदालत में आत्मसमर्पण किया। शीर्ष अदालत को पहले बताया गया था कि मंजू वर्मा की अग्रिम जमानत नौ अक्टूबर को पटना उच्च न्यायालय ने खारिज कर दी थी।

बुधवाई को उच्चतम न्यायालय में सुनवाई के दौरान पीठ को यह भी बताया गया कि मुजफ्फपुर आश्रय कांड की जांच कर रही सीबीआई टीम नहीं बदली गयी। इस मामले में अदालत की मदद कर रही वकील अर्पणा भट ने मंगलवार को पीठ से कहा था कि उन्हें पता चला है कि मुजफ्फपुर कांड की जांच कर रही सीबीआई टीम के एक सदस्य को बदल दिया गया जबकि अदालती आदेश था कि उसकी अनुमति के बगैर जांच दल में फेरबदल नहीं किया जाए।

अदालत ने यह निर्देश भी दिया था कि ब्रजेश ठाकुर को बिहार के भागलपुर कारा से पंजाब की उच्च सुरक्षा वाली पटियाला जेल में स्थानांतरित किया जाए। ठाकुर को बिहार से अन्यत्र ले जाने का आदेश तब जारी किया गया तब सीबीआई ने 25 अक्टूबर को अदालत से कहा कि वह प्रभावशील व्यक्ति हैं और भागलपुर जेल के अंदर उसके पास मोबाइल मिले हैं। बीस सितंबर को अदालत ने कहा था कि यह रिकार्ड में सामने आया है कि चंद्रशेखर वर्मा और उनकी पत्नी मंजू वर्मा के पास बड़ी मात्रा में अवैध गोलाबारूद थे।

वैसे यह स्पष्ट नहीं था कि क्या उनके पास अवैध हथियार भी थे। अदालत ने कहा था कि सीबीआई ने पहले दाखिल की गयी अपनी स्थिति रिपोर्ट में कहा था कि चंद्रशेखर और मंजू वर्मा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है। पीठ ने अपने आदेश में कहा था,‘‘इन दोनों के मामलों की खासकर अवैध गोलाबारुद की उनके द्वारा खरीद और उनके पास ये चीजें मिलने तथा अवैध हथियारों की उपलब्धता, यदि कोई हो, जांच करने की जरुरत है। हम बिहार में स्थानीय पुलिस से इस पहलु पर कुछ गंभीरता से गौर करने का अनुरोध करते हैं।” मुजफ्फपुर में आश्रय गृह में 30 से अधिक लड़कियों का कथित रुप से बलात्कार और यौन शोषण किया गया।

टाटा इंस्टीट्यूट आफ सोशल साइंसेज द्वारा राज्य के समाज कल्याण विभाग को सौंपी गयी ऑडिट रिपोर्ट में यह मुद्दा पहली बार सामने आया। इस मामले में ठाकुर समेत 11 व्यक्तियों के खिलाफ 31 मई को प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। ठाकुर ही यह आश्रयगृह चला रहा था। इस कांड की जांच सीबीआई ने अपने हाथों में ले लिया गया है और अबतक 17 लोग गिरफ्तार किये गये हैं।