भारतीय चयनकर्ताओं ने ऑस्ट्रेलियाई दौरे के लिए भारतीय टीम की घोषणा कर दी है। वेस्टइंडीज के विरूद्ध टी-20 सीरीज के लिए भी टीम की घोषणा की गई है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के विरूद्ध टेस्ट सीरीज इसलिए अहम है क्योंकि हिंदुस्तान के पास इसे जीतने का शानदार मौका होगा। इस टीम में सबसे चौंकाने वाली बात का टीम में शामिल होना है।उन्हें विकेटकीपर ऋषभ पंत के विकल्प के तौर पर टीम में लिया गया है।
मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने पार्थिव पटेल के चयन को सही बताते हुए एक अलग ही तर्क रखा है। टीम के बारे में बात करते हुए एमएसके प्रसाद ने पार्थिव पटेल के चयन पर कहा, ”बाएं हाथ का यह बल्लेबाज विकेटकीपर किसी भी क्रम में बल्लेबाजी कर सकता है। दक्षिण अफ्रीका में उन्होंने हाथ में चोट के बावजूद बल्लेबाजी की थी। ” उन्होंने बताया कि पार्थिव ने फ्रैक्चर हुए हाथ के साथ बल्लेबाजी की थी।
उन्होंने कहा, ”पार्थिव का लाभ यह है कि वह बाएं हाथ का बल्लेबाज व किसी भी क्रम पर खेल सकता है। इन्हीं सब बातों के मद्देनजर उन्हें टीम में रखा गया है। ”
टीम इंडिया में वापसी पर पार्थिव पटेल ने ईश्वर का शुक्रिया अदा किया है। पार्थिव पटेल ने भारतीय टीम में सलेक्शन के बाद ईश्वर का धन्यवाद करते हुए अपने ऑफिशियर टि्वटर हैंडिल से एक ट्विटर हैंडल से लिखा है है।
साहा को भी नहीं मिली जगह
ऋद्धिमान साहा टेस्ट टीम में स्थान बनाने में असफल रहे हैं। हाल ही में साहा कंधे की चोट की सर्जरी करवाकर हिंदुस्तान वापस लौटे हैं। भारतीय प्रीमियर लीग (आईपीएल) के दौरान साहा को अंगूठे में चोट लग गई थी। इसी वजह से वह अफगानिस्तान के विरूद्ध खेले गए एकमात्र टेस्ट मैच से बाहर हो गए थे। इसके बाद इंग्लैंड दौरे पर भी वह टीम में शामिल नहीं हो पाए। अब ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी उन्हें टेस्ट टीम में स्थान नहीं बना पाए हैं।
पार्थिव पटेल का करियर
पार्थिव ने अभी तक 25 टेस्ट खेले हैं। जिसमें 38 पारियों में उन्होंने 6 अर्धशतकों के साथ 31.13 की औसत से 934 रन बनाए हैं। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के सेंचुरियन टेस्ट की दोनों पारियों में 19 रन व जोहानिसबर्ग टेस्ट में 2 व 16 रन बनाए थे। इस दौरे पर पार्थिव की विकेट कीपिंग भी बहुत अच्छी नहीं रही थी। इसके बाद इंग्लैंड दौरे पर उन्हें टीम में शामिल नहीं किया गया था। बताते चलें कि पार्थिव पटेल ने अगस्त 2002 में व दिनेश कार्तिक ने सितंबर 2004 में अपना अंतर्राष्ट्रीय करियर शुरु किया था। यानि उन दोनों को धोनी से पहले मौका तो मिला था लेकिन उनका प्रदर्शन आशा के अनुरूप न होने की वजह से दिसंबर 2004 में आने वाले महेंद्र सिंह धोनी भारतीय टीम का भाग बने व इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
बता दें कि टेस्ट टीम में रोहित शर्मा व मुरली विजय की वापसी हुई है। इन दोनों का ऑस्ट्रेलिया में बेहतर रिकॉर्ड है। मुरली विजय ने काउंटी में अच्छा प्रदर्शन किया है। विजय को इंग्लैंड दौरे के बीच में ही टीम से बाहर कर दिया गया था। हिंदुस्तान को ऑस्ट्रेलिया के साथ 4 टेस्ट मैचों की सीरीज खेलनी है। हिंदुस्तान इंग्लैंड में 1-4 से उससे पहले दक्षिण अफ्रीका में 1-2 से सीरीज हारा था, लेकिन ऑस्ट्रेलिया को इस बार निर्बल माना जा रहा है। क्योंकि स्टीव स्मिथ व डेविड वॉर्नर गेंद से छेड़छाड़ के मामले में प्रतिबंधित हैं। लिहाजा हिंदुस्तानऑस्ट्रेलिया में पहली टेस्ट सीरीज जीत सकता है।
टेस्ट टीम: विराट कोहली (कप्तान), मुरली विजय, लोकेश राहुल, पृथ्वी शॉ, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे, हनुमा विहारी, रोहित शर्मा, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), पार्थिव पटेल (विकेटकीपर), रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा, कुलदीप यादव, मोहम्मद शमी, ईशांत शर्मा, उमेश यादव, जसप्रीत बुमराह व भुवनेश्वर कुमार।