बता दें, मुंह से आवाज़ निकालने वाले दरोगा मनोज थे व उत्तर प्रदेश पुलिस का मानना है कि दरोगा मनोज ने उस समय जो किया वह बहादुरी का कार्य था। इसी के चलते उनका नाम बहादुरी पुरस्कार के लिए डीजीपी को भेजा जाएगा। इसी पर एसपी यमुना प्रसाद ने बोला ने बोला है कि उनके सहयोगी मनोज कुमार ने एक हीरो का कार्य किया है। विभाग इसे सकारात्मक रूप से ले रहा है व उनका कहना है कि पिस्तौल के ख़राब होने पर उन्होंने सतहोईयों का मनोबल बढ़ाया है व मुंह से ठांय-ठांय की आवाज़ निकाल कर आतंकवादियों को घेरा।
ये मामला 13 अक्टूबर का है जहां असमौली थाना एरिया की पुलिस रात करीब साढ़े ग्यारह बजे वाहनों की चेकिंग कर रही थी। पुलिस का कहना है कि इसी दौरान दो बाइक सवार आये जब उन्हें रोकने की प्रयास की तो दोनों बैरियर तोड़फर भागने लगे। दोनों गन्ने के खेत में छिप गए व पुलिस ने फोर्स बुलाकर घेराबंदी प्रारम्भ कर दी गई। दरोगा मनोज कुमार व सिपाही बलराम ने दशा संभाले व जब पिस्तौल निकाली तो नहीं चली जिसके कारण उन्हें मुंह से आवाज़ निकालनी पड़ी। वीडियो में एसआई मनोज कहते हुए सुनाई दे रहे हैं, ‘मारो-मारो, घेरो-घेरो, ठांय-ठांय। इस पर पुलिस विभाग भी शर्मिंदा नहीं है।