पिछले दिनों केंद्र गवर्नमेंट की तरफ से की मूल्य में 2.50 रुपये प्रति लीटर की कटौती किए जाने के बाद गवर्नमेंट अब ऑयल कीमतों को व कम करने की तैयारी कर रही है।गवर्नमेंट की प्लानिंग है कि राष्ट्र की जनता को तेज की महंगी कीमतों से लंबे समय के लिए राहत दी जाए। गवर्नमेंट की तरफ से नयी प्लानिंग के लागू होने के बाद तक कम हो जाएंगे।दरअसल गवर्नमेंट की प्लानिंग पेट्रोल में एथेनॉल की मिश्रण 10 से बढ़ाकर 20 फीसदी करने की है।
मिलों को अलावा लोन देने की भी तैयारी
ऐसे में एथेनॉल का उत्पादन बढ़ाने के लिए गवर्नमेंट जरूर कदम उठा सकती है। इकोनॉमिक टाइम्स में प्रकाशित समाचार के अनुसार एथेनॉल का प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए गवर्नमेंटचीनी मिलों को अलावा लोन देने की भी तैयारी कर रही है। इसको लेकर गवर्नमेंट की तरफ से एक ड्रॉफ्ट भी तैयार कर लिया गया है। वित्त मंत्रालय की तरफ से भी इस पर सहमति जता दी गई है। पीएमओ से इस प्रस्ताव के पास होने के बाद इसे कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा।
एथेनॉल की मात्रा बढ़ाने पर सहमति
पेट्रोलियम मिनिस्टरी के अफसरों की तरफ से जानकारी दी गई कि पेट्रोल में एथेनॉल की मात्रा बढ़ाने पर सहमति बन गई है। इस प्रस्ताव के पारित होने पर एथेनॉल की खपत बढ़ना तय है। इसे ध्यान में रखकर चीनी कंपनियों को एथेनॉल प्लांट लगाने के लिए गवर्नमेंट की तरफ से लोन दिया जा सकता है। गवर्नमेंट ने पेट्रोल में मिलाने के लिए गन्ने से बनाए गए एथेनॉल के दाम में सितंबर में 25 फीसदी की बढ़ोतरी की थी।
एथेनॉल के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मोलेसिस एथेनॉल का दाम बढ़ाकर 52.4 रुपये प्रति लीटर व गन्ने से बनने वाले एथेनॉल का दाम बढ़ाकर 59 रुपये प्रति लीटर तक कर दिया गया है। रेट बढ़ाने के बाद गवर्नमेंट को उम्मीद है कि इससे चीनी मिले एथेनॉल का ज्यादा उत्पादन करेंगी। जानकारों का कहना है कि एथेनॉल का उत्पादन बढ़ने से दो फायदे होंगे।पहला यह कि इससे पेट्रोल की कीमतों में कमी आएगी। दूसरा चीनी मिलों का कारोबार बढ़ेगा, जिससे चीनी मिल किसानों के बकाया का भुगतान जल्दी कर सकेंगी।