आम्रपाली ग्रुप के अधूरे प्रोजेक्ट मामले में सुप्रीम न्यायालय मंगलवार (09 अक्टूबर) को सुनवाई करेगा। जस्टिस अरूण मिश्र व जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी। इससे पहले सुप्रीम न्यायालय ने डीआरटी को आम्रपाली की 16 सम्पतियों की नीलामी/बिक्री का आदेश दिया था।
अनुमान है कि सम्पतियों की बिक्री से करीब 1600 करोड़ की उगाही होगी। ये रकम सुप्रीम न्यायालय परिसर में मौजूद बैक में जमा होगी। न्यायालय ने आम्रपाली को आदेश दिया था कि वो 25 लाख की रकम से बैंक में एकाउंट खोले। आगे सुप्रीम न्यायालय ये तय करेगा कि कैसे इस रकम का अधूरे प्रोजेक्ट के निर्माण में प्रयोग हो। न्यायालय ने आम्रपाली के डायरेक्टर को 25 सितंबर को डीआरटी के सामने पेश होने का आदेश देते हुए बोला था कि इसी बीच आम्रपाली सभी सम्बंधित दस्तावेज डीआरटी को जमा कराए।
सुप्रीम न्यायालय ने नाराजगी जताई थी कि 2015 के बाद अब तक आम्रपाली की 46 कम्पनियों के सभी खातों की डिटेल न्यायालय को क्यों नहीं सौंपी गई। 10 दिन के सभी एकाउंट की बैलेंस शीट सौंपने का आदेश दिया था। न्यायालय ने फोरसिक ऑडिटर को आदेश था दिया कि वो 60 दिन के अंदर रिपोर्ट सौंपे कि कितनी रकम का कैसे गबन हुआ है।
दरअसल, पिछली सुनवाई में सुप्रीम न्यायालय ने अपने आदेश में बोला था कि ग्रुप की 16 संपत्ति नीलाम होगी, जबकि सभी 46 कंपनियों व उनके सभी निदेशकों की सम्पति का फोरेंसिक ऑडिट होगा। इसके साथ ही न्यायालय ने आम्रपाली के सीएमडी अनिल शर्मा को चार दिनों में अपनी सम्पत्तियों का ब्यौरा हलफनामे में देने का आदेश दिया था। न्यायालय ने अनिल शर्मा से ये भी पूछा था 2014 में चुनाव आयोग में दाखिल किए गए हलफनामे में 867 करोड़ की बताई गई, सम्पत्ति 2018 में 67 करोड़ कैसे हो गई? न्यायालय से जानकारी क्यों छिपाई?’
आपको बता दें कि सुप्रीम न्यायालय ने इस मामले में एनबीसीसी को आम्रपाली के सभी अटके हुए अधूरे हाउसिंग प्रोजेक्ट को पूरा करने की जिम्मेदारी सौंपी थी। इसके लिए सुप्रीम न्यायालय ने एनबीसीसी से 30 दिन में विस्तृत योजना मांगी थी। सुप्रीम न्यायालय ने एनबीसीसी को बोला था कि वह 30 दिन में बताए कि वह आम्रपाली के अधूरे प्रोजेक्टों को कैसे पूरा करेगा। साथ ही एनबीसीसी निर्माण काम पूरा करने के लिए निश्चित टाइम लाइन भी देगा। साथ ही सुप्रीम न्यायालय ने आम्रपाली समूह के सभी ऑडिटर्स को आदेश दिया है कि वह ग्रुप की सभी 40 कंपनियों के खातों का बारीकी से परीक्षण कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
रिपोर्ट में ये भी बताया जाए कि आम्रपाली ग्रुप द्वारा होम बायर्स के लगभग 2500 करोड़ रुपये कहां लगाए हैं। एनबीसीसी के चेयरमैन, आम्रपाली के चेयरमैन व शहरी विकास मंत्रालय के सचिव भी सुप्रीम न्यायालय में पेश हुए थे।