पाक जब तक आतंकियों व उनकी सुरक्षित पनाहगाहों के विरूद्ध ठोस प्रगति नहीं करता तब-तक उसे दी जाने वाली मदद निलंबित करने की अमेरिका की नीति में कोई परिवर्तन होने की आसार नहीं हैं। ट्रंप प्रशासन ने इस्लामाबाद को यह बता दिया है। बताते चलें कि दोनों राष्ट्र अपने संबंधों में आई खटास को समाप्त करने की प्रयास कर रहे हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने पाक के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के साथ यहां बैठकों के दौरान पाक नेतृत्व को बोलाकि जब भी उसकी सरजमीं पर सक्रिय आतंकियों के विरूद्ध कार्रवाई की बात आती है, तो अमेरिका को जमीनी तौर पर कोई परिवर्तन नहीं दिखता।
तालिबान पर पाक के असर के कारण ट्रंप प्रशासन यह भी चाहता है कि वह तालिबान को शांति बातचीत के लिए तैयार करें। विदेश विभाग कुरैशी व पोम्पिओ के बीच हुई मीटिंग का कोई भी बयान जारी करने से बीती देर रात तक बचता रहा। ऐसा समझा जाता है कि फॉगी बॉटम मुख्यालय में करीब 20 मिनट तक यह मीटिंग हुई।
आम तौर पर व्हाइट हाउस अपने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की किसी विदेशी नेता के हुई मीटिंग का ब्यौरा जारी नहीं करता है। कुरैशी व पोम्पिओ मीटिंग से पहले हाथ मिलाते हुए वतस्वीर खिंचवाते तो दिखे लेकिन दोनों ने मीटिंग के बारे में कुछ नहीं बोला।
घटनाक्रम से जुड़े पुष्ट सूत्रों के अनुसार, न्यूयॉर्क में दोपहर के भोजन के दौरान ट्रंप से हाथ मिलाने को लेकर कुरैशी द्वारा दिए गए गलत बयान को लेकर अमेरिका नाराज है। कुरैशी ने ट्रंप से हाथ मिलाने को दोनों के बीच संक्षिप्त मीटिंग बताया था। इस बीच, वाशिंगटन में पाकिस्तानी दूतावास द्वारा जारी बयान के अनुसार, कुरैशी ने पोम्पिओ व बोल्टन दोनों के साथ द्विपक्षीय तथा क्षेत्रीय मुद्दों समेत व्यापक चर्चा की।
कुरैशी ने बोला कि पाक व अमेरिका के बीच करीबी संबंध हमेशा परस्पर फायदेमंद रहे हैं व यह दक्षिण एशिया में स्थिरता का अहम कारण है। उन्होंने बोला कि पाक व अमेरिका दोनों ही अफगानिस्तान तथा एरिया में शांति एवं स्थिरता चाहते हैं। उन्होंने अफगानिस्तान में राजनीतिक समझौते के लिए पाक के समर्थन को दोहराते हुए बोला कि बल इस्तेमाल से नतीजे नहीं निकल पाए।
कुरैशी ने पोम्पिओ से बोला कि ‘‘दक्षिण एशिया में शांति’’ हासिल करना तब तक कठिन रहेगा जब तक जम्मू व कश्मीर के अहम टकराव समेत सभी टकराव सुलझ नहीं जाते। बयान के मुताबिक दक्षिण एशिया में स्थिरता पाने के संदर्भ में कुरैशी ने अमेरिकी वार्ताकार को एरिया में हिंदुस्तान के आक्रामक रूख के बारे में जानकारी दी। बयान में बोला गया है कि कुरैशी ने इस बात पर जोर दिया कि पाक जम्मू व कश्मीर टकराव समेत सभी मुद्दों को सुलझाने के लिए हिंदुस्तान के साथ विस्तृत शांति बातचीत में शामिल होने के लिए प्रतिबद्ध है।