मौसम विज्ञानियों ने लोगों को चेताया है, कि राज्य में चल रही आंधी से बचाव बहुत जरूरी है। आंधी के उपरांत मेघ गर्जन एवं वर्षा से पूर्व लोगों को सुरक्षित स्थानों पर आश्रय लेना बहुत आवश्यकता है।
मेघ गर्जन के बीच खुले में रहना उनके जान माल के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। बिहार में मौसम के बदले मिजाज से किसान परेशान हैं। सरकार गेहूं खरीद नहीं रही है।
ऐसे में किसान जल्द से जल्द गेहूं साहुकारों को बेच रहे हैं। गवर्नमेंट ने एलान किया है कि किसी भी पैक्स में बिक्री कर सकते है। लेकिन ज्यादातर पैक्सों के पास इसके लिए जरूरी राशि का आवंटन नहीं है।
मौसम विज्ञानियों का बोला है कि यह प्री मानसून का दौरा कर रहा है। ऐसे में इस तरह की वर्षा होना आम बात है। उम्मीद है कि मध्य जून तक राज्य में मानसून की वर्षा शुरू होने वाली है।
इस दौरान एक महीने तक इसी तरह की स्थिति बनी रहने की उम्मीद है। आंधी-पानी का आना जारी रहेगा। खासकर उत्तर एवं पूर्वी बिहार के जिलों में इस तरह की स्थिति बराबर रहने वाली है।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इस वर्ष अप्रैल में 2-3 दिन ही राजधानी का पारा 40 से पार हो चुका है । नहीं तो सामान्यतः यह नीचे ही रहा है ।
बुधवार की सुबह राजधानी में झमाझम वर्षा होने से मौसम बहुत ही खुशनुमा हो गया है। वातावरण में भरी नमी लोगों को काफी राहत दे रही है। हालांकि दिन चढ़ने के साथ वातावरण में उमस बढ़ने का अनुमान लगाया है।
पटना मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ विज्ञानी संजय कुमार का बोलना है कि राज्य में बने चक्रवात की वजह से फिलहाल प्रदेश के विभिन्न जिलों में हल्की एवं रिमझिम वर्षा हो रही है। पटना के अतिरिक्त वैशाली, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी सहित कई जिलों में आज सुबह एवं देर रात वर्षा हुई।