बीसीसीआई के एक अधिकारी ने इस इंग्लिश न्यूज़ पेपर से कहा, ‘बोर्ड को ऐसा लगा कि फिटनेस को अलग लेवल पर ले जाने के लिए इस समय के फिटनेस स्टैंडर्ड ने बड़ा रोल अदा किया है.
यह जरूरी है कि फिटनेस लेवल को अलग लेवल पर लेकर जाया जाए. टाइम ट्रायल एक्सरसाइज हमको मुकाबला करने के लिए बेहतर बनाएगा. बोर्ड हर साल स्टैंडर्ड को बढ़ाता रहेगा.’
बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह से मंजूरी मिलने के बाद बोर्ड से अनुबंधित खिलाड़ियों को इस नए फिटनेस मार्क के बारे में बता दिया गया है. बोर्ड का कहना है कि इस साल इसके लिए तीन विंडो फरवरी, जून और अगस्त/सितंबर में रखे गए हैं.
गौरतलब है कि किसी भी खेल में खिलाड़ियों की फिटनेस बेहद अहम होती है. व्यस्त शेड्यूल और कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच खिलाड़ियों को खुद को फिट रखना बड़ी चुनौती है. फिटने को लेकर भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी भी काफी सतर्क हैं. भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों को भी टीम इंडिया में शामिल होने के लिए यो-यो टेस्ट (Yo-Yo test) से गुजरना पड़ता है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक तेज गेंदबाजों को ये टेस्ट 8 मिनट और 15 सेकेंड में पूरा करना होगा, जबकि बल्लेबाजों, स्पिन गेंदबाज और विकेटकीपर को यह टेस्ट 8 मिनट और 30 सेकेंड में पूरा करना होगा. इस टेस्ट के आने के बावजूद खिलाड़ियों का यो यो टेस्ट (17.1 ) बरकरार रहेगा.
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड BCCI अब एक नया फिटनेस टेस्ट लेकर आया है. एक अंग्रेजी न्यूज़ पेपर के मुताबिक बीसीसीआई के नए फिटनेस टेस्ट का नाम है ‘टाइम ट्रायल टेस्ट.’ बीसीसीआई के सभी कॉन्ट्रेक्टेड खिलाड़ियों को अब यो यो के साथ इस टेस्ट को भी पास करना जरूरी होगा. ‘टाइम ट्रायल टेस्ट’में खिलाड़ियों की स्पीड और एंड्रूयेंस लेवल चेक की जाएगी. इस टेस्ट में खिलाड़ियों को 2 किलोमीटर तक की दूरी कवर करनी होगी.