इन कंपनियों पर चीनी सेना के साथ साठगांठ का आरोप लगाया गया है. अमेरिका ने वजह बताई है कि इन कंपनियों से राष्ट्र की सिक्योरिटी को खतरा है.
जिसके चलते इन कंपनियों पर बैन का फैसला लिया गया है. बता दें कि इसके पहले दिसंबर 2020 में अमेरिकी सरकार ने 60 चीनी कंपनियों को काली सूची डाल में डाला था.
जिन कंपनियों पर बैन लगाया गया है, उनमें चीनी स्मार्टफोन कंपनी Xiaomi, Cnooc के अलावा ज्यादातर कंपनियां एविएशन, एयरोस्पेस, टेलिकम्यूनिकेशन, कंस्ट्रक्शन क्षेत्र से जुड़ी हैं. सरकार ने Xiaomi कंपनी को कम्यूनिस्ट चाइनीज मिलिट्री कंपनी के तौर पर लेबल किया है.
शाओमी के अलावा बैन होने वाली कंपनियों में चीन की प्लेन बनाने वाली कंपनी Comac, तेल प्रॉडक्शन कंपनी Cnooc का भी नाम शामिल है. CNOOC चीन की सबसे बड़ी और सरकारी ऑयल कंपनी है.
गौरतलब है कि Comac की सीधी टक्कर अमेरिका की प्लेन कंपनी एयरबस और बोइंग से है. वहीं शाओमी की सीधी टक्कर अमेरिका की एप्पल ( Apple Inc) से है.
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने अपने कार्यकाल के आखिरी दिन चीन के खिलाफ बड़ा फैसला लेते हुए 9 कपंनियों को बैक लिस्ट कर दिया है.
जिन चाइनीज कंपनियों को ब्लैकलिस्ट में ऐड किया गया है, उनमें दुनिया की तीसरी बड़ी स्मार्टफोन कंपनी शाओमी (Xiaomi) और प्लेन मेकर Comac समेत 9 कंपनियां शामिल हैं.
इस फैसले के बाद अमेरिकी इनवेस्टर्स को इन कंपनियों में अपने निवेश से बाहर निकलना होगा. जिसके लिए निवेशकों को 11 नवंबर 2021 तक ऐसा करना होगा. इससे पहले अमेरिका चाइनीज कंपनी Huawei और ZTE के साथ भी ऐसा कर चुका है.