दिल्ली स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में एक छोटा स्मारक बनाया जाएगा। इस स्मारक को 1971 के युद्ध में वीरत पुरस्कार प्राप्त करने वाले सैनिकों के गांव की मिट्टी और उन स्थानों की मिट्टी से बनाया जाएगा, जहां पर उस समय जीत हासिल की गई थी।
सेना प्रमुख मनोज मुकंद नरवणे ने ये बातें Veterans’ Day के मौके पर कहीं। जनरल नरवणे ने कहा कि भारतीय सेना हमेशा Veterans के कल्याण के लिए काम करती रहेगी।
उन्होंने कहा कि सेना से सेवानिवृत्ति के बाद, सभी दिग्गज देश और समाज की प्रगति के लिए विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। आप सेना के एक राजदूत होने के नाते एक सच्चे देशभक्त और जिम्मेदार नागरिक के उदाहरण स्थापित कर रहे हैं। आपके द्वारा निर्धारित उच्च मानक हमारे युवाओं को प्रेरित करेंगे।
इस मौके पर थल सेना प्रमुख मनोज मुकंद नरवणे ने घोषणा की कि साल 2021 को गोल्डन विक्ट्री ईयर के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने कहा, “कुछ दिग्गजों सेना के पूर्व अधिकारियों) ने निराशा व्यक्त की थी कि साल 1971 की लड़ाई के 50 साल पूरे होने पर ज्यादा महत्व नहीं दिया गया।
मैं यह कहना चाहता हूं कि 1971 के युद्ध की जीत को चिह्नित करने के लिए इस पूरे वर्ष को ‘Golden Victory Year’ के रूप में मनाया जाएगा। देशभर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
लद्दाख में भारत और चीन के विवाद LAC पर शुरू हुआ विवाद अबतक जारी है। लद्दाख में भारत ने चीन को इस विवाद की शुरुआत से अबतक कई मोर्चों पर पटखनी दी है लेकिन विवाद अभी भी जारी है।
दोनों देशों की सेनाओं के बीच कई राउंड की बातचीत हो चुकी है लेकिन विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। लद्दाख में तनाव के हालातों के बीच आर्मी चीफ मनोज मुकंद नरवणे ने कहा कि पिछला साल हमारे देश और सशस्त्र बलों के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण था।
सशस्त्र बल बड़ी कुशलता से उत्तरी सीमाओं पर बहादुरी से हर हालात में डटे रहे औऱ इन हालातों में महामारी का भी सफलतापूर्वक मुकाबला किया। मुझे गर्व है कि इसे पूरा करने में हमें हमारे दिग्गजों का समर्थन था।