बसपा सरकार ने आगरा विश्वविद्यालय का नामकरण बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर किया गया। इसी विश्वविद्यालय में बाबा साहेब डा. अम्बेडकर के नाम पर अम्बेडकर पीठ की भी स्थापना की गई। डा. अम्बेडकर के नाम पर अनुसूचित जाति/जनजाति कोचिंग सेन्टर की स्थापना अलीगढ़ और आगरा में की गयी।
फैज़़ाबाद मण्डल के अन्तर्गत अम्बेडकरनगर के नाम से नये जि़ले का गठन किया गया। वाराणसी में बाबा साहेब के नाम पर स्टेडियम का नामकरण तथा रामपुर में संग्रहालय व पुस्तकालय की स्थापना की गई इसके अलावा, बांदा में बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर मेडिकल कालेज, नोएडा तथा गे्रटर नोएडा में डा. भीमराव अम्बेडकर मल्टी सुपर स्पेशियल्टी अस्पताल आदि स्थापित कराये गये।
कानपुर में डॉ. अम्बेडकर इन्स्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी फार हैण्डीकैप्ड तथा आज़मगढ़ में डा. अम्बेडकर भवन का निर्माण कराया गया। मैनपुरी तथा क़न्नौज में डा. भीमराव अम्बेडकर राजकीय महाविद्यालय की स्थापना की गयी। इसी प्रकार, लखनऊ में डा. भीमराव अम्बेडकर अन्तररष्ट्रीय खेल स्टेडियम तथा गे्रटर नोएडा में 500 सीटों वाले डा. अम्बेडकर अनुसूचित जाति/जनजाति छात्रावास का निर्माण कराया गया। आगरा एवं गौतम बुद्ध नगर में डा. अम्बेडकर पार्क स्थापित किया गया।
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि वर्तमान में भी हर कठिन समय में हर फोरम पर बाबा साहेब के संविधान की ही दुहाई दी जाती है। ऐसा महान सम्मान व स्वीकृति केवल बाबा साहेब को प्राप्त है, ऐसा कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि अब तक उत्तर प्रदेश में चार बार बनी बसपा सरकार में डा अम्बेडकर की स्मृति को चिर परिचित व चिरस्थायी बनाने के लिए तथा उनके आदर-सम्मान में ऐतिहासिक काम व जनहित व जनकल्याण की अनेकों महत्वपूर्ण योजनायें और कार्यक्रम भी संचालित किये गये, जिसका आज पूरा उत्तर प्रदेश गवाह है।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने कहा कि सत्ता की मास्टर चाबी के जरिये उनकी पार्टी दलित,पिछड़ों के उत्थान के भारत रत्न बाबा साहब अम्बेडकर के मिशन को जारी रखेगी।
डा.अम्बेडकर की पुण्यतिथि की मौके पर मायावती ने कहा बाबा साहेब के सपनों का मानवतावादी भारत बनाने के सपना को साकार करने वाले लोग ही इस देश के शासक वर्ग बनेंगें।
नई दिल्ली में अपने निवास पर बाबा साहेब डा. अम्बेडकर की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर बसपा प्रमुख ने दलित, शोषित और पिछड़े वर्ग के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के कारवां को कभी न रूकने देने का संकल्प को दोहराया और कहा कि इसके लिए आगे भी संघर्ष जारी रहेगा,चाहे इसके लिये कोई भी कुर्बानी क्यों न देनी पड़े।
उन्होंने कहा कि देश में समतामूलक शासन व सामाजिक व्यवस्था स्थापित करके सही लोकतंत्र यहां स्थापित करने के महान उद्देश्य को लेकर बाबा साहेब जीवन भर कड़ा परिश्रम व हर प्रकार का संघर्ष करते रहे और इस दौरान उन्हें जो अनेकों उतार-चढ़ाव, दु:ख-तकलीफ व उपेक्षा-तिरस्कार आदि झेलनी पड़ी वह किसी से भी छिपा हुआ नहीं है, और अन्तत: वे देश को एक अनुपम व अति-मानवतावादी संविधान देकर अमर हो गए।