धमकी में ये कहा गया था कि “उसके समुद्री क्षेत्र में आने वाले घुसपैठिये को बाहर करने के लिए ताक़त का इस्तेमाल किया जा सकता है.” अमेरिकी नौसेना के सातवें बेड़े के प्रवक्ता लेफ़्टिनेंट जोए केली ने इस दावे के जवाब में कहा कि “रूस ग़लतबयानी कर रहा है.
यूएसएस जॉन एस मैकेन को किसी भी देश ने अपने क्षेत्र से जाने के लिए नहीं कहा था.” उन्होंने कहा, “समुद्री सीमाओं को लेकर किए गए अवैध दावों को अमेरिका कभी भी स्वीकार नहीं करेगा जैसा कि इस मामले में रूस ने किया था.”
RT की एक रिपोर्ट के मुताबिक रूस ने आरोप लगाया है कि ‘यूएसएस जॉन एस मैकेन’ उसकी समुद्री सीमा के ‘पीटर द ग्रेट गल्फ़’ के क्षेत्र में दो किलोमीटर भीतर तक चला आया था. रूस का कहना है कि उसने इस जहाज़ को नष्ट करने की चेतावनी दी थी .
जिसके बाद ये जहाज़ उसके इलाक़े से चला गया. हालांकि अमेरिकी नौसेना ने किसी तरह की ग़लती करने से इनकार किया है और कहा है कि उसके जहाज़ को कहीं से जाने के लिए नहीं कहा गया था.
मंगलवार को ये घटना जापान सागर में हुई. इस क्षेत्र को ईस्ट सी या पूर्वी सागर के नाम से भी जानते हैं. रूस के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि उसके प्रशांत क्षेत्र के बेड़े के विध्वंसक जहाज़ एडमिरल विनोग्रादोव ने इंटरनेशनल कम्युनिकेशन चैनल के ज़रिये अमेरिकी जहाज़ को चेतावनी दी.
रूस (Russia) ने आरोप लगाया है कि अमेरिकी नौसेना (US Navy) लगातार उसके समुद्री इलाके में घुसपैठ की कोशिश कर रही है. रूस ने कहा है कि उसके समुद्री इलाके में घुसने वाले अमेरिकी जहाज़ को वो तबाह कर देगा.
रूस ने दावा किया कि उसके युद्धपोत ने जापान सागर के उसके इलाक़े में घुस आए अमेरिकी नौसेना के विध्वंसक जहाज़ का का पीछा किया. अमेरिकी नौसेना के इस विध्वंसक जहाज़ का नाम ‘यूएसएस जॉन एस मैकेन’ है.