अमेरिकी चुनाव 2020 (US Election) के पूरे दौर में किसी भी तरह के फ्रॉड के सबूत नहीं मिले हैं. साथ ही डोमिनियन सिस्टम्स में भी किसी परेशानी की बात सामने नहीं आई है.
दोनों राजनीतिक पार्टियों ने जनता के सामने यह बात कही है कि चुनाव ठीक तरह से हुए हैं और अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों ने साफ किया है कि किसी भी तरह की गंभीर अनियमितता सामने नहीं आई है.
1000 से ज्यादा वोटिंग समस्याओं की निगरानी करने वाली OSET इंस्टीट्यूट के वोटिंग टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट एडी परेज ने कहा है कि कुछ मामूली मुद्दे ही रहे, जो इंसान की गलतियों के कारण सामने आए न कि सॉफ्टवेयर की. परेज ने कहा है कि उन्हें इस तरह की किसी शिकायत की जानकारी नहीं है जहां डोमिनियन सॉफ्टवेयर परिणामों को प्रभावित कर रहे हों.
ट्रंप ने अपने ट्वीट में कहा ‘डोमिनियन ने पूरे देश में ट्रंप के 2.7 मिलियन वोट डिलीट किए हैं. डेटा एनालिसिस ने पाया कि पेंसिलवेनिया के 221000 वोट राष्ट्रपति ट्रंप के खाते से बाइडन को भेजे गए. ट्रंप के 941000 वोट डिलीट किए गए. डोमिनियन वोटिंग सिस्टम वाले राज्यों ने ट्रंप के 435000 मतों को बाइडन के पास पहुंचाया.’
ट्रंप ने ट्वीट किया कि इलेक्शन टेक्नोलॉजी फर्म ने बड़ी संख्या में उनके वोटों को बाइडन के खाते में ट्रांसफर किया है. इसके लिए उन्होंने एक रिपोर्ट का सहारा भी लिया है. ट्रंप और उनके समर्थक लगातार टेक्नोलॉजी फर्म डोमिनियन वोटिंग सिस्टम (Dominion Voting System) पर निराधार आरोप लगा रहे हैं.
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव (President Election) पूरे हुए करीब एक हफ्ते का वक्त गुजर चुका है. मीडिया डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडन (Joe Biden) को विजेता घोषित कर चुका है, लेकिन अभी भी डोनाल्ड ट्रंप अपनी हार मानने को तैयार नहीं हैं.
वह लगातार चुनाव में धांधली के आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने हाल ही में एक ट्वीट के जरिए यह आरोप भी लगाए हैं कि उनके हिस्से के वोट बाइडन को ट्रांसफर किए गए हैं. हालांकि, ट्रंप ने अपने आरोपों के साथ कोई भी मजबूत सबूत पेश नहीं किया है.