एक मीडिया हाउस से बातचीत में फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा कि पूरे मामले को गलत तरीके से समझा जा रहा है। वे मोहम्मद पैगंबर के कार्टून का समर्थन नहीं करते।
इस कार्टून से कई लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। इसके बाद भी देश में अभिव्यक्ति की आजादी की रक्षा की जाएगी। इसमें कार्टून छपना भी शामिल है।
लगातार हो रहे हमलों के कारण सरकार ने फ्रांस में तैनात सैनिकों की संख्या दोगुनी कर दी है। मैक्रों ने इन घटनाओं को इस्लामिक आतंकवाद करार दिया था। इसके बाद से ही वे मुस्लिम देशों के नेताओं के निशाने पर हैं। कई देशों में फ्रांसीसी सामान के बहिष्कार के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं।
धार्मिक टकराव के कारण दो हफ्ते के अंदर हुए दो हमलों ने फ्रांस को हिला दिया है। पहले क्लास में विवादित कार्टून दिखाने वाले टीचर का सिर उन्हीं के छात्र ने कलम कर दिया।
इसके बाद नीस शहर में चर्च के बाहर चाकू मारकर एक महिला समेत तीन लोगों की हत्या कर दी गई। शनिवार को भी एक अज्ञात बंदूकधारी ने चर्च में पादरी को गोली मार दी थी। इस मामले में एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया गया है।
पैगंबर मोहम्मद साहब के कार्टून को लेकर उठे विवाद और इस्लाम को आतंकवाद से जोड़ने के कारण मुस्लिम देशों का विरोध झेल रहे फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का अहम बयान आया है।
मैक्रों ने कहा कि वे मुस्लिमों का सम्मान करते हैं। मैं समझ सकता हूं कि मुस्लिम पैगंबर मोहम्मद का कार्टून बनाए जाने से आहत हैं। इन सबके बावजूद इसकी प्रतिक्रिया में हिंसा बर्दाश्त नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि मैं मानता हूं कि हमारे अधिकारों व आजादी की रक्षा करने मेरा कर्तव्य है।