देवी की प्रतिमा या कलश की स्थापना नवरात्र के दौरान ईशान कोण पर रखें, क्योंकि ये स्थल देवताओं के लिए निर्धारित है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ता है।
सबसे पहले इस बार देवी के स्वागत की तैयारी करते समय यह बात जरूर ध्यान रखें कि आप जहां भी मां की पूजा करेंगें। उस पूजा घर के बाहर और अंदर 9 दिनों तक चूने और हल्दी से स्वस्तिक चिन्ह बनाएं।
साथ ही यह काम आप अपने मुख्यद्वार के पास भी कर सकते हैं। ऐसा करना देवी को प्रसन्न करता है। वास्तु के अनुसार यह शुभ हाता है और नकारात्मक प्रभाव को दूर करता है।
शारदीय नवरात्र आने वाले हैं और आप सभी लोग घरों पर तैयारियों में जुटे होंगे। मां दुर्गासभी की मनोकामनाएं पूरी करती है। इसलिए जरूरी है कि इनको प्रसन्न रखने के लिए उनकी पूजा में वास्तु नियमों का पालन किया जाए।
सभी को कष्ट दूर करने वाली मां भवानी की पूजा से जुड़े वास्तु के उपाय बहुत ही आसान और कारगर हैं। कहते हैं की देवी की पूजा जब वास्तु नियमों के साथकी जाती है .
तो भक्त को मां की कृपा भी ज्यादा मिलती है। पूजा का स्थान, सामग्री और कैसे पूजा करनी है इस बात का पता होना बहुत जरूरी है। अगर आप को इस का पता नहीं है तो हम आप की मदद कर रहे हैं।