इस संक्रमण के प्रमुख लक्षणों में बुखार, पसीना, बेचैनी, भूख न लगना, सिरदर्द और मांसपेशियों का दर्द शुमार है. विशेषज्ञ बताते हैं कि इस बीमारी के कुछ लक्षण लंबे समय तक बने रह सकते हैं.
जबकि कुछ तो हमेशा रह सकते हैं. बार बार बुखार आना, आर्थराइटिस, अंडकोषों की सूजन, हृदय में सूजन, न्यूरॉलॉजिक समस्याएं, गंभीर थकान, डिप्रेशन और लिवर की सूजन ऐसे लक्षण हैं.
वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि भेड़ों और बकरियों के गैर पाश्चुरीकृत दूध या चीज़ का सेवन करने से यह बीमारी हो सकती है. अहम है कि इस संक्रमण का मनुष्यों से मनुष्यों में होना अब तक काफी दुर्लभ बात है.
बैक्टीरिया से होने वाली यह बीमारी मुख्य रूप से मवेशियों, सुअरों, बकरियों, भेड़ों और कुत्तों को संक्रमित करती है. मनुष्यों में यह बीमारी तब हो सकती है.
जब वो इससे संक्रमित जानवरों के सीधे संपर्क में आएं या फिर किसी तरह से संक्रमित जानवरों के मांस या आहार का सेवन करें. इन संक्रमित जानवरों के किसी भी प्रोडक्ट को इनहेल करने से भी लोग संक्रमित हो सकते हैं.
खबरों की मानें तो एक बायोलॉजिकल फार्मा फैक्ट्री ने जानवरों के इस्तेमाल के लिए ब्रूसेला वैक्सीन बनाने के लिए एक्सपायर हो चुके कीटनाशकों और सैनेटाइज़रों का इस्तेमाल किया था.
बीते जुलाई और अगस्त महीनों में फैक्ट्री ठीक तरीके से वेस्ट गैस से बैक्टीरिया को नष्ट कर पाने में नाकाम रही. इस वजह से brucellosis महामारी फैली. ये क्या बीमारी है? इससे जुड़ी तमाम जानकारियां यहां पाइए.
कोविड-19 के बाद चीन में एक और खतरनाक महामारी ने दस्तक दी है, जिसका नाम बूसेलॉसिस (Brucellosis) है. अपशिष्ट गैस (Waste Gas) में बैक्टीरिया (Bacteria) की मौजूदगी को इस बीमारी का कारण बताया जा रहा है और यह जानवरों से मनुष्यों (Animal to Human Infection) में फैल रही है.
चीन के लंझाउ शहर (Lanzhou City) में पिछले साल इस बीमारी के फैलने की शुरूआत हुई थी और अब तक 3000 से ज़्यादा लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं, हालांकि इस रोग से किसी के मारे जाने की खबर नहीं है.