ब्रिटेन के विदेश मंत्री डॉमिनिक राब (Dominic Raab) ने बोला है कोरोना महामारी से लड़ रहे संस्थानों पर रूस की खुफिया एजेंसियों का हमला दुर्भाग्यपूर्ण है .
इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा। बताते चलें कि ब्रिटेन व अमेरिका ने मई में बोला था कि हैकर्स के नेटवर्क ने कोरोना से निपटने के प्रयासों में जुटे राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय संगठनों को निशाना बनाया है, लेकिन रूस के शामिल होने की बात नहीं कही गई थी। अब अमेरिका, ब्रिटेन के साथ ही कनाडा का भी बोलना है कि रूस हैकरों के जरिये वैक्सीन कार्यक्रम की अहम् जानकारी चुरा रहा है।
अमेरिका, ब्रिटेन व कनाडा का आरोप है कि Cozy Bear रूस की खुफिया एजेंसियों व सरकार के इशारे पर कार्य करता है। ब्रिटेन के नेशनल साइबर सिक्योरिटी सेंटर (एनसीएससी) के निदेशक पॉल चिसेस्टर (Chichester) ने कहा, “हम कोरोना महामारी से निपटने के लिए जरूरी कार्य करने वालों के विरूद्ध इस तरह के साइबर हमलों की निंदा करते हैं’।
साइबर सिक्योरिटी शोधकर्ताओं के मुताबिक, APT29 हैकिंग टूल का प्रयोग पिछले वर्ष अमेरिका, जापान, चाइना व अफ्रीका के क्लाइंट्स के विरूद्ध भी किया गया था।
तीनों राष्ट्रों का दावा है कि सरकार द्वारा समर्थित रूसी हैकर कोरोना वैक्सीन के शोध में जुटे मेडिकल संगठनों व यूनिवर्सिटीज पर साइबर हमले कर रिसर्च चुराने की प्रयास कर रहे हैं।
तीनों राष्ट्रों ने संयुक्त बयान में बोला है कि APT29 (Cozy Bear) नाम के हैकिंग ग्रुप ने उनके शोध से जुड़ी जानकारी चुराने का अभियान छेड़ रखा है। हालांकि, रूस ने इन आरोपों को आधारहीन बताया है।
कोरोना (Coronavirus) संकट से जूझ रही पूरी संसार जहां वैक्सीन का इंतजार कर रही है, वहीं अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा व रूस के बीच एक अलग ही खेल प्रारम्भ हो गया है।
अमेरिका, ब्रिटेन व कनाडा (United States,UK and Canada) ने आरोप लगाया है कि रूस (Russia) उनकी कोरोना वैक्सीन (COVID-19 vaccine) रिसर्च की जानकारी चुरा रहा है।