उल्लेखनीय है कि वर्ष 1989 में राम मंदिर का शिलान्यास हो चुका है। अब निर्माण की प्रतीकात्मक शुरुआत सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथोंं होनी है। इस दौरान कुछ केंद्रीय मंत्री इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। राम जन्म भूमि परिसर में 11 मई से ही समतलीकरण का कार्य चल रहा है। इस दौरान खुदाई में पुरावशेष भी मिले हैं।
ट्रस्ट अध्यक्ष ने पत्र में वर्चुअल या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से नहीं बल्कि प्रधानमंत्री मोदी से स्वयं अयोध्या आकर राममंदिर निर्माण की नींव रखे जाने का अनुरोध किया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आठवें माह में अब मंदिर निर्माण परिसर में समतलीकरण का कम भी पूरा हो चुका है।
मंदिर निर्माण की विस्तृत योजना श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चम्पत राय अयोध्या में 18 जुलाई को होने वाली बैठक मेंं ट्रस्ट के सभी पदाधिकारियों के सन्मुख रखेंगे।
ट्रस्ट सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बैठक में ही भूमि पूजन कार्यक्रम के लिए शीर्ष लोगों को आमंत्रण भेजने की योजना बनेगी। भूमि पूजन में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के सभी ट्रस्टी, संघ प्रमुख मोहन भागवत, देश के शीर्ष संत-धर्माचार्य समेत, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल समेत तमाम शीर्ष लोगों को आमंत्रित किया जा सकता है।