पैंगोंग झील के किनारे ही 5-6 मई को दोनों देशों के सैनिक भिड़ गए थे और कई घायल हुए थे। चीन के इस कदम के पीछे कई वजह बताई जा रही हैं।
इनमें लद्दाख को पिछले साल केंद्र शासित प्रदेश बनाना भी शामिल है। मगर उसकी मेन वजह भारत की ओर से 225 किलोमीटर लंबी दारबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी रोड पर फीडर लिंक्स और पुलों का निर्माण है।
एक सूत्र ने हमारे सहयोगी टीओआई को बताया कि ‘पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने इन इलाकों से करीब 20 गाड़ियां वापस बुलाई हैं। हालांकि ये पर्याप्त नहीं है क्योंकि वे पहले आए थे।
उन्हें और पीछे हटाना होगा।’ चीनी सैनिक LAC पार करते हुए 3 किलोमीटर तक घुस आए थे। साथ ही अपने इलाकों में टैंक और आर्टिलरी गन्स के साथ 5 से 7 हजार सैनिक तैनात कर दिए थे।
भारत ने थोड़ी देर से ही सही, मगर चीन के जवाब में उतनी ही स्ट्रेन्थ के साथ खूंटा गाड़ दिया है।लद्दाख में सीमा पर शांति बहाल करने की कोशिशों के तहत भारत और चीन की सेनाएं जीन जगहों पर ‘थोड़ा’ पीछे हटी हैं।
लाइन ऑफ कंट्रोल (LAC) पर तनाव दूर करने के लिए आज से मिलिट्री बातचीत का एक और दौर शुरू हो रहा है। हालांकि पेंगोंग शो झील के उत्तरी किनारे पर जहां दोनों सेनाएं आमने-सामने आ गई थीं.
वहां पर कोई चेंज नहीं है। मई के शुरुआती दिनों में भारत की पेट्रोलिंग को ब्लॉक करने के लिए चीनी सैनिकों ने उत्तरी किनारे पर फिंगर 4 से 8 तक का पूरा इलाका कब्जा लिया था।