इस महीने की शुरुआत में पैंगोंग त्सो के नज़दीक भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच विवाद देखने को मिला, जहां भारत द्वारा किए जा रहे निर्माण को लेकर चीनी सैनिकों ने आपत्ति जताई थी.
मामला बढ़ गया था. ट्रिग हाईट्स (Trig Heights) और बुर्त्स LAC के वो हिस्से हैं जहां सीमा उल्लंघन के मामले कुल मामलों का एक तिहाई हैं.
2019 में चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा की नई जगहों में उल्लंघन करना शुरु किया. डमचल के दूसरी ओर मौजूद डोलिटांगो में पिछले 4 सालों में महज़ 3 बार चीन सीमा उल्लंघन के मामलों में अचानक उछाल दर्ज किया गया. इस जगह 2019 में चीनी सैनिकों ने 54 बार भारतीय सीमा लांघी.
पूर्वी सेक्टर में चीन के सबसे ज़्यादा 14.5 फीसदी सीमा उल्लंघन के मामले सामने आए, ये डिचू क्षेत्र/मदन क्षेत्र में देखने को मिले.
ईस्टर्न सेक्टर के अन्य इलाकों में चीन के सीमा उल्लंघन के मामले हालांकि कम थे जिनमें सिक्किम में नाकुला शामिल है. यहां 2018 और 2019 में महज़ 2 बार चीनी सैनिकों ने सीमा उल्लंघन किया. इस महीने के शुरुआत में नाकुला में भी भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच टकराव देखने को मिला.
सेन्ट्रल सेक्टर में उत्तराखंड में बाराहोती इकलौती ऐसी जगह है जहां 2019 में 21 जबकि 2018 में 30 बार चीनी सैनिकों ने सीमा उल्लंघन किया. ये अकेला ऐसा सेक्टर है जहां दोनों देश एक-दूसरे से मैप साझा करते हैं.
भारत और चीन (China) के बीच लद्दाख में तनाव की स्थिति है. लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश के बीच भारत-चीन सीमा (India-China border) 3,488 किलोमीटर के क्षेत्र में फैली हुई है.
आधिकारिक डेटा के मुताबिक लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर 2015 के बाद से लगभग 4 जगहों पर चीनी सैनिकों द्वारा 80 फीसदी सीमा उल्लंघन के मामले सामने आए हैं. इनमें से तीन जगहें तो वेस्टर्न सेक्टर में पूर्वी लद्दाख का ही हिस्सा हैं.