पोप फ्रांसिस ने कहा है कि कोरोना की महामारी पर्यावरण के साथ किए मानवीय छेड़छाड़ पर कुदरत (nature) का दिया जवाब हो सकता है. कुदरत ने पर्यावरण संकट अपने तरीके से जवाब दिया है.
जिसका जवाब अब कुदरत इस दुनिया से ले रही है. पोप फ्रांसिस ने कोरोना से लड़ने में सरकार की कार्रवाई की भी आलोचना की. उन्होंने कहा कि बेघरों को होटलों में क्वॉरेंटाइन किया जाना चाहिए, पॉर्किंग एरिया में नहीं. उहोंने कहा कि ये वक्त गरीबों की देखभाल करने का है. पोप ने अपने इंटरव्यू में कहा है
पोप फ्रांसिस का भी दो बार वायरस संक्रमण की जांच हो चुकी है. उनकी रिपोर्ट दोनों बार नेगेटिव आई है. 83 साल के पोप 20 साल की उम्र से ही लंग्स की एक बीमारी से जूझ रहे हैं. पोप ने लोगों से दूरी बनाए रखी है. वो अलग कमरे में भोजन करते हैं. किसी भी मेहमान से मिलने से पहले और बाद में वो हैंड सैनेटाइजर का इस्तेमाल करते हैं. इस बारे में वेटिकन प्रेस ऑफिस की तरफ से जानकारी दी गई है.