बता दें कि संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बीच चल रहे ट्रेड वार ने ड्रैगन की कमर तोड़ दी है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि चीन की आर्थिक वृद्धि 2019 में लगभग 30 वर्षों में सबसे कम स्तर पर है।
1990 के बाद से चीन की अर्थव्यस्था में यह सबसे धीमी दर है। चीन की पूरे वर्ष वृद्धि दर 6.1 फीसद रही। इसके पूर्व 2018 में यह 6.6 फीसद थी। जानकार इसके लिए अमेरिका और चीन के बीच चल रहे ट्रेड वार को प्रमुख कारण मान रहे हैं।
चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के आंकड़ों पर नजर दौडा़ए तो एक वर्ष में चीन की आर्थिक वृद्धि दर हर तिमाही में गिरावट हुई है। हर तिमाही रिपोर्ट में यह गिरते हुए क्रम में है।
अगर इसकी तुलना वर्ष 2018 से की जाए तो यह वृद्धि दर 6.5 से घटकर 6.0 फीसद पर पहुंच गई है। हालांकि, साल के शुरुआत में यह महज 0.1 फीसद तक गिरी। लेकिन इसके बाद इसके गिरने का सिलसिला रुका नहीं और वर्ष के अंतिम दो तिमाही में यह महज 6.0 फीसद पर पहुंच गई। इस तरह से साल के अंत में आधा फीसद की गिरावट दर्ज की गई।
सामरिक और आर्थिक क्षेत्र में अमेरिका को करीब-करीब बराबरी की टक्कर देने वाला चीन की आर्थिक हालत थोड़ी खस्ता हो गई है। चीन ने हाल में देश के आर्थिक विकास के जो आंकड़े पेश किए वह चौंकाने वाले हैं।
खास बात यह है कि चीन ने इन आंकड़ों को तब पेश किया है, जब हाल में अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वार खत्म हुआ है। दोनों देशों के बीच एक ट्रेड समझौता हुआ है। ऐसे में अमेरिका ने शायद चीन के आर्थिक विकास की ये रिपोर्ट देख कर राहत की सांस ली हो।