फांसी पर लटकाए जाने के बाद एक-एक गांठ खुलती जाती है। इससे गर्दन पर फंदा कसता रहता है। आखिर में गुनहगार की गर्दन टूट जाती है।
जेल अधिकारियों का कहना है कि दोषियों के वजन के हिसाब से फंदे की लंबाई भी तय होती है। 45 किलो वजन वाले के फंदे की लंबाई करीब आठ फिट होती है, जबकि 90 या उससे ज्यादा वजन वालों के फंदे की लंबाई छह फिट।
वहीँ जेल सूत्रों का कहना है कि फांसी देने से पहले चारों दोषियों की डमी बनाकर उससे अभ्यास किया जाना है। जेल मैन्युअल के तहत यह पूर्व निर्धारित प्रक्रिया का हिस्सा है। डमी तैयार करने के लिए शनिवार को दोषियों की लंबाई, वजन और गले का नाप लिया गया।
आपको बता दें कि इस दौरान चारों दोषियों की लंबाई मापी गई और वजन भी लिया गया। पूरी प्रक्रिया के दौरान चारों गुनहगार फूट-फूट कर रोते रहे।
ज्ञात हो कि फांसी पर लटकाए जाने के बाद एक-एक गांठ खुलती जाती है। इससे गर्दन पर फंदा कसता रहता है। आखिर में गुनहगार की गर्दन टूट जाती है। जेल अधिकारियों का कहना है कि दोषियों के वजन के हिसाब से फंदे की लंबाई भी तय होती है। 45 किलो वजन वाले के फंदे की लंबाई करीब आठ फिट होती है, जबकि 90 या उससे ज्यादा वजन वालों के फंदे की लंबाई छह फिट।