देश की राजधानी स्थित जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में 5 जनवरी को हुई हिंसा को लेकर शिवेसना ने अपने मुखपत्र सामना के माध्यम से केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है।
सामना में लिखा है कि, ‘ढंके हुए चेहरेवाली एक टोली विद्यापीठ में घुसी व वहां के विद्यार्थियों के होस्टल पर हमला कर दिया। इस हमले में सैकड़ों विद्यार्थी व शिक्षक जख्मी हो गए। चेहरे पर बुर्का पहनकर अंधेरे में हमला करना मर्दानगी नहीं। ‘
शिवसेना ने आगे लिखा है कि ‘इसलिए ऐसे चेहरों को बेनकाब करने की जरुरत है। 26/11 के मुंबई के आतंकी इसी तरह मुंह ढंककर आए थे। अब ‘जेएनयू’ में वही तस्वीर देखने को मिल रही है। ये कानून की धज्जियां उड़ानेवाली घटना है। ‘ शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा कि, ‘देश के विद्यापीठों को सियासत से दूर रहने की जरुरत है। यहां सिर्फ विद्यार्जन का ही काम होना चाहिए, ऐसा बीजेपी ने बोला है। किन्तु पिछले 5 सालों में विद्यापीठों में पॉलिटिक्स व हिंसाचार कौन ले आया?
शिवसेना ने लिखा है कि ‘जो हमारी विचारधारा के नहीं हैं उन्हें उखाड़ फेंकना व उसके लिए सत्ता का प्रयोग करने की नीति कौन अपना रहा है? नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) का विरोध करनेवाले विद्यार्थी देशद्रोही हैं। दरअसल, ऐसा बोलना ही देशद्रोह है। ‘