वैसे तो ब्रिटिश जर्नलिस्ट लिन बर्बर के संस्मरण पर आधारित ये अमेरिकन फिल्म तीन एकेडमी अवार्ड्स के लिए नॉमिनेट हुई थी। रौटन टोमैटोज पर इस फिल्म को 94 पर्सेंट की रेटिंग मिली है।
लेकिन इन सब बातों को दरकिनार भी कर दें तो मेरी नजर इस फिल्म के लिए एक ही वाक्य
बोलना बहुत ज्यादा होगा- धतरी के किसी भी मुल्क, किसी भी समाज, किसी भी जाति, धर्म, नस्ल
व रंग में पैदा हुई हर लड़की को ये फिल्म जरूर देखनी चाहिए
। जब-जब वो ये भूलने लगे कि वो कौन है
व उसके
ज़िंदगी का मकसद क्या है, एक बार पलटकर फिर से इसे देख लेना चाहिए
।
कहानी बड़ी छोटी सी है। 1961 का लंदन। जेनी नाम की 16 वर्ष की एक खूबसूरत व बुद्धिमान लड़की, जिसका सपना है एक दिन आॅक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ना। वो पढ़ने में बहुत अच्छी है, इसलिए टीचर्स चाहते हैं कि वो पढ़े। मां-बाप बहुत समृद्ध नहीं हैं, इसलिए चाहते हैं कि वो पढ़े।
उसके सुंदर व सुरक्षित भविष्य के लिए। फिर कुछ घटनाएं ऐसी होती हैं कि जेनी को लगता है व उसके मां-बाप को भी कि अगर बिना पढ़े भी जेनी का भविष्य सुंदर व सुरक्षित होने कि सम्भावना है तो वो न भी पढ़े तो चलेगा। आखिर लड़की है। हर लड़की अपना घर खुद नहीं बनाती। बहुत सी लड़कियों को बहुत सुंदर व बड़ा बना-बनाया घर भी मिल जाता है।
लेकिन इस बने-बनाए घर व खुद के बनाए घर में क्या कोई फर्क है। क्या दोनों बातें एक ही हैं। क्या ऑक्सफ़ोर्ड इसलिए जाना था कि पैसे कमा सकें। क्या पैसे यूं ही आ जाएं तो ऑक्सफ़ोर्ड जाने, पढ़ने, इतनी मेहनत करने, जान लगाने की क्या आवश्यकता है।
ऐसे अनेकों सवाल हो सकते हैं व उन सवालों का जवाब इस फिल्म में मिलता है। जेनी के सवालों का जवाब, जो उस आयु की व किसी भी लड़की के सवाल हो सकते हैं। उसकी गलतियों, कमजोरियों, मूर्खताओं के जवाब, जो किसी भी लड़की की गलतियां व कमजोरियां हो सकती हैं।
फिल्म कला की कसौटियों पर इस फिल्म को परखने व समीक्षा करने की कोई आवश्यकता नहीं क्योंकि कहानी ही इतनी शक्तिशाली है कि बाकी सब पीछे छूट जाता है। इस फिल्म को देखने के बाद मुझे लगा था कि ये स्कूल व कॉलेजेस के कैरिकुलम में होनी चाहिए। हर गर्ल्स स्कूल में वर्ष में एक बार दिखाई जानी चाहिए। इस पर बहस व बात होनी चाहिए।
राह भूल जाना कोई बड़ी बात नहीं है। बड़ी बात है लौटकर वापस ठीक राह पर न आना। ये फिल्म वही कार्य करती है। वापस रास्ते पर लौटा लाती है। वो रास्ता, जो ठीक रास्ता है। जो हर लड़की का रास्ता है। व अगर नहीं है तो होना चाहिए।