पीठ ने कहा, हम वरिष्ठ एडवोकेट डॉ राजीव धवन की शैली से प्रभावित हुए. उन्होंने जिस तरह पूरी सुनवाई के दौरान दलीलें रखीं व साथ ही अपने विपक्षी वकीलों को बोलने का मौका दिया वह काबिल ए तारीफ था. पूरी सुनवाई के दौरान उन्होंने जिस तरह से धैर्य, सत्य व न्याय के लिए योगदान किया वह सराहनीय है.
सुनवाई के दौरान राजीव धवन ने एक बार यह भी बोला कि सीजेआई सब सवाल सिर्फ उनसे ही पूछ रहे हैं जबकि हिंदू पक्ष के एडवोकेट से कुछ नहीं पूछा जा रहा, इस पर सीजेआई ने हिंदू पक्ष के एडवोकेट से भी कई सवाल पूछ डाले. हालांकि राजीव धवन ने कई बार अपना आपा भी खोया, सुनवाई के अंतिम दिन तो उन्होंने हिंदू पक्ष की ओर से पेश किया गया नक्शा ही फाड़ दिया था. धवन को मुस्लिम पक्ष की ओर से पैरवी करने के लिए जान से मारने की धमकी भी मिली थी.