इससे पहले बीते वर्ष 26 दिसंबर को न्यायालय ने निर्णय 5 जनवरी तक के लिए सुरक्षित कर दिया था. वहीं माल्या ने न्यायालय को बताया था कि वह आर्थिक भगोड़ा नहीं है. साथ ही उसने बोला था कि वह मनी लॉन्ड्रिंग के क्राइम में भी शामिल नहीं है.
विशेष न्यायालय में चल रहा है मामला
प्रवर्तन निदेशालय ने न्यायालय में दी याचिका में माल्या को भगोड़ा आर्थिक क्रिमिनल अधिनियम 2018 के तहत ‘भगोड़ा’ घोषित किए जाने का अनुरोध किया है. अर्जी मंजूर हो जाने पर एजेंसी को माल्या की संपत्तियां जब्त करने का अधिकार मिल जाएगा. वहीं माल्या की ओर से उनके एडवोकेट अमित देसाई ने याचिका खारिज करने की मांग की है.
माल्या के एडवोकेट देसाई ने उस दावे का विरोध किया है, जिसमें माल्या को लेकर बोला गया है कि वह मार्च 2016 में एक सम्मेलन के बहाने सामान से भरे 300 बैग लेकर जेनेवा चला गया था. सच में वह राष्ट्र से भागा था.
लंदन से मिल चुकी है प्रत्यर्पण की रजामंदी
बता दें विजय माल्या इस वक्त लंदन में है और लंदन का न्यायालय भी उसके प्रत्यर्पण के लिए मंजूरी दे चुका है. हालांकि माल्या के पास इसके विरूद्ध अपील करने के लिए जनवरी तक का वक्त है.